नई दिल्ली। देशभर के टोल प्लाजा पर FASTag कल रात 12 बजे से अनिवार्य हो जाएगा। केंद्र सरकार ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी। जिन लोगों ने अब तक अपने वाहनों पर इसे नहीं लगाया है या जिनके वाहनों पर ये टैग लगा तो है लेकिन काम नहीं कर रहा, ऐसे लोगों को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
जुर्माने के रूप में ग्राहकों को अपने वाहन की कैटेगरी के हिसाब से लगने वाले शुक्ल की दोगुना रकम देनी पड़ सकती है। इससे पहले रविवार को ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फास्टैग के कार्यान्वयन की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वाहन मालिकों को तुरंत इस ई-भुगतान सुविधा को अपनाना चाहिये।
फास्टैग टोल प्लाजाओं पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। इसे 2016 में पेश किया गया था। टैग अनिवार्य बनाने से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि वाहनों को टोल प्लाजा के माध्यम से बिना रुके गुजरने की सुविधा दी जाये।
गडकरी ने नागपुर हवाईअड्डे पर फास्टैग को लेकर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने फास्टैग पंजीकरण की समयसीमा को दो-तीन बार बढ़ाया है और अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जायेगा। अब हर किसी को तुरंत फास्टैग खरीदना चाहिये।
क्या है फास्टैग?
फास्टैग एक स्टीकर होता है जो वाहनों के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। टोल पर क्रॉसिंग के दौरान डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर से कनेक्ट होता है और फिर फास्टैग से जुड़े अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती है।
कहां से खरीदें फास्टैग?
NHAI टोल या फिर तमाम बैंकों से आप फास्टैग स्टिकर खरीद सकते हैं। इसके अलावा यह पेटीएम, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। इसे आप यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से भी रिचार्ज कर सकते हैं। अगर फास्टैग बैंक खाते से लिंक होता है, तो पैसे खाते से ऑटोमैटिक कट जाते हैं।
फास्टैग के लिए क्या डॉक्यूमेंट जरूरी?
ड्राइवर के लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करके फास्टैग खरीदा जा सकता है। बैंक केवाईसी के लिए यूजर्स के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी भी मांगते हैं। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने फास्टैग की कीमत 100 रुपये तय की है। इसके अलावा 200 रुपये की सिक्युरिटी डिपॉजिट देनी पड़ती है।
फास्टैग गुम, डैमेज (क्षतिग्रस्त) या फट जाने पर क्या करें?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक एक वाहन के लिए केवल एक फास्टैग मिलता है। अगर फास्टैग डैमेज हो जाए तो आप आसानी से उसे बदल सकते हैं। क्योंकि एक गाड़ी के लिए केवल एक फास्टैग नंबर जारी होता है, जिसमें व्हीकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), टैग आईडी समेत दूसरे डिटेल्स भरने होते हैं। ऐसे में केवल पुरानी डिटेल देकर फिर से फास्टैग को इश्यू करवाया जा सकता है।
दरअसल, 15 फरवरी से सभी वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी कर दिया गया है। अब सरकार की तैयारी है कि 15 फरवरी से 100 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से ही कलेक्ट किया जा सके। फिलहाल नेशनल हाईवे से जितने भी टोल टैक्स आते हैं, उनमें 80 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से आते हैं।