रायपुर। अपने एक विवादित अफसर को प्रमोशन देने की वजह से छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड एक बार फिर से विवादों में घिरता नजर आ रहा है। वजह है सिराजुद्दीन शेख नाम के एक ऐसे अधिकारी की पदोन्नति, जिस पर पहले से ही करीब 2 करोड़ रुपये की आर्थिक अनिमयमिता का आरोप है। यही नहीं बोर्ड के कर्मचारियों से मारपीट, प्रताड़ना और बदसलूकी की भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हैं।
मौलश्री विहार में प्रभारी संपदा अधिकारी सिराजुद्दीन शेख को लेकर हाउसिंग बोर्ड एक बार फिर विवादों में हैं। सिराजुद्दीन शेख पर आर्थिक अनियमितता से लेकर बोर्ड के ही अधिकारी-कर्मचारी से मारपीट, दुर्व्यवहार और प्रताड़ना के कई मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई की बजाय प्रमोशन देकर उसका कद बढ़ाने की कवायद यहां के कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा। बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों पर खुलेआम पक्षपात का भी आरोप लग रहा है।
दरअसल, 800 करोड़ रुपये के GAD क्वार्टर प्रोजेक्ट में गड़बड़ी चलते तत्कालीन मुख्य लेखा अधिकारी पीके सोनवानी को सस्पेंड किया गया था। प्रोजेक्ट में जितना काम हुआ, उससे ज्यादा राशि निकालने पर उन्हें सस्पेंड कर 40 फीसदी वेतन भी काटा गया। फिर सिराजुद्दीन शेख मुख्य लेखा अधिकारी बने। लेकिन चार्ज लेने के तीन दिन के भीतर उन्होंने भी वही गलती की। लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में हाईकोर्ट भी 45 दिनों के भीतर जांच का आदेश दे चुका है।
इतने विवादास्पद और इतने गंभीर मामलों में लिप्त सिराजुद्दीन शेख की अब जिस तरह पदोन्नति दी जा ही है, उससे पूरा हाउसिंग बोर्ड हैरान है। बताया जाता है कि इस पदोन्नति के जरिए उसे मुख्य लेखा अधिकारी बनाए जाने की भी तैयारी है, ताकि कुछ अधिकारी अपनी गड़बडियों का हिसाब रफा दफा करा सके।