नयी दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की मदद के लिए अमेरिका मिशन मोड में आ गया है। अमेरिकी प्रशासन की विभिन्न शाखाएं उन क्षेत्रों की पहचान में जुट गई हैं, जिनमें भारत को मदद की जरूरत है। इसके अलावा सभी प्रशासनिक बाधाओं को भी दूर किया जा रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारत को जितनी जल्दी संभव हो चिकित्सकीय मदद मुहैया करा दी जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि भारत ने अमेरिका के लोगों की जरूरत के समय मदद की थी। अब अमेरिका कोरोना वायरस से लड़ने में भारत की सहायता करेगा और संसाधन उपलब्ध कराएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद बाइडन ने यह बात कही। समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत 45 मिनट तक चली। इसके बाद बाइडन ने ट्वीट किया, भारत ने हमारी मदद की थी। अब हम भारत की मदद करेंगे। बताते चलें कि भारत में कोरोना संकट के दौरान ढीला रवैया अपनाने के लिए बाइडन प्रशासन की विभिन्न हलकों में आलोचना हो रही थी। इसके बाद व्हाइट हाउस ने आक्सीजन, कोरोना वैक्सीन के लिए कच्चा माल, जीवन रक्षक दवाएं और पीपीई भारत भेजने का एलान किया।
इस बीच, बाइडन प्रशासन ने यह भी कहा है कि इस मदद के बदले में अमेरिका भारत से राजनीतिक समर्थन नहीं चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत के साथ हमारी वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी तरह के राजनीतिक समर्थन के लिए हम भारत की मदद नहीं कर रहे हैं। यह जरूरतमंद लोगों के लिए हमारी प्रतिबद्धता और अमेरिका का मानवीय नेतृत्व है।
नेड प्राइस ने यह भी कहा कि बाइडन प्रशासन घातक कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम कर रहा है। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। हम हमेशा भारत में अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ हैं। सरकारी स्तर पर हमसे जो कुछ भी बन पड़ रहा है, हम लगातार कर रहे हैं। इसमें आक्सीजन और संबंधित वस्तुओं की मदद शामिल है। इसके अलावा दवा, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट, वेंटिलेटर आदि की आपूर्ति भी की जा रही है।
अमेरिका की 40 शीर्ष कंपनियां आई सामने
भारत के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए अमेरिका की 40 शीर्ष कंपनियां सामने आई हैं। इसके तहत भारत की मदद करने के लिए संसाधन एकत्रित करने की खातिर एक वैश्विक कार्यबल का गठन किया जाएगा। डेलाइट के सीईओ पुनीत रंजन ने बताया कि अमेरिका के विभिन्न व्यापार संगठन मिलकर कुछ सप्ताह में 20,000 आक्सीजन कंसंट्रेटर भारत भेजेंगे। इसके अलावा ये कंपनियां प्रशासन के साथ मिलकर दवाएं, वैक्सीन, आक्सीजन और अन्य जीवन रक्षक उपकरण भी भेजेंगी। रंजन ने बताया कि बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियां सप्ताहांत में सामने आई हैं। हमसे जो भी मदद बन पड़ेगी, उसे करने का हम सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
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