ग्रैंड न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर में जहां हजारों लोगों को अस्पताल में दाखिल होने मजबूर कर दिया है तो वही हजारों लोग काल के गाल में समा चुके हैं। इसके बावजूद भी प्रदेश में लापरवाहियों की सीमाओं को लाने में हम लोग जरा भी परहेज नहीं कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण राजधानी के शासकीय उचित मूल्य राशन की दुकान रामनगर में नजर आया।
आज सुबह दुकान खुलते ही लोगों का हुजूम ऐसे उमड़ पड़ा जैसे राशन मिलने का आज अंतिम दिन है। इसके बाद मानो किसी को राशन ही नहीं मिल पाएगा। एक साथ सैकड़ों लोग राशन दुकान की खिड़की पर पहले मैं पहले मैं करते नजर आए।
इस दौरान ना तो ज्यादातर लोगों ने मास्क लगा रखा था और ना ही सुरक्षा के दूसरे उपाय उनके पास उपलब्ध थे। ऐसे में क्या सोशल डिस्टेंसिंग और क्या नियम व कायदे। इन बेपरवाह लोगों की वजह से प्रदेश को और किन मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है उन्हें इस बात का अंदाजा मात्र भी नहीं है।
चौंकाने वाली हकीकत तो यह है कि कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी राशन दुकानों में किसी तरह की व्यवस्था खाद्य विभाग द्वारा नहीं की गई। मौके से जिम्मेदारों का नदारद रहना इस बात की गवाही चीख-चीखकर दे रहा है।
देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और तमाम लोग कोरोना की जंग जीतने का दावा कर रहे हैं, सवाल यह है कि क्या इन परिस्थितियों में कोरोना महामारी को हराया जा सकता है? तो जवाब है बिल्कुल भी नहीं। क्योंकि कोरोना वायरस को ऐसे ही बेपरवाह और बेकाबू भीड़ की जरूरत है।