ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस की दूसरी लहर लगातार देश में कोहराम मचा रही है। लेकिन इसी के साथ ही देश में वायरस से लोगों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है, जिसे अब 18+ उम्र के लोगों के लिए भी खोल दिया गया है।
देश में हर रोज लाखों लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में कोरोना से रिकवर मरीजों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि वे कब और कैसे वैक्सीन लगवा सकते हैं? क्या कोरोना से रिकवर मरीजों के वैक्सीनेशन के लिए कोई खास निर्देश हैं? हम आपके हर ऐसे सवाल का जवाब देंगे।
कोरोना से रिकवर मरीज को वैक्सीन लगवाने के लिए कम-से-कम 6 हफ्तों का इंतजार करना जरूरी है और यदि कोरोना से रिकवर हुए मरीज ने वैक्सीन का पहला डोज लगावाया है तो दूसरा डोज लगवाने के लिए भी मरीज को 6 हफ्तों का इंतजार करना जरूरी है। जिस दिन मरीज के लक्षण खत्म हो जाते हैं उसके 6 से 8 हफ्तों के बाद मरीज टीका लगवा सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना मरीजों के टीकाकरण की प्रक्रिया भी आम टीकाकरण की प्रक्रिया की तरह ही होती है।
अगर 6 हफ्तों का इंतजार न करें तो?
अगर आप रिकवर होने के तुरंत बाद ही टीका लगवाने जाते हैं तो शरीर एंटीबॉडी बनने में दिक्कत होती है। डॉक्टर बताते हैं कि जब मरीज कोरोना से ठीक हो जाते हैं तो उनके शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, वैक्सीन भी शरीर में जाकर एंटीबॉडी बनाती है। लेकिन अगर शरीर में पहले सी ही वह प्रक्रिया चल रही होगी तो दिक्कत हो सकती है। ऐसा हो सकता है कि अगर आप 6 हफ्तों का इंतजार न करें तो वैक्सीन आपके शरीर में जाकर अपना काम करने में असमर्थ हो।
इसके अलावा टीका लगवाने के लिए जाने वाले आम लोगों को लेकर डॉक्टर किशोर बतातें हैं कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोगों को कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करना बेहद जरूरी है। वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को लगता है कि वह सुरक्षित ह गया है लेकिन वैक्सीन लगवाने के 2 से 6 हफ्ते के बाद व्यक्ति सुरक्षित होता है। अगर वैक्सीन लगवाने के बाद कोई व्यक्ति संक्रमण के संपर्क में आता है तो उसके संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसलिए वैक्सीन लगगवाने के बाद भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है।