नई दिल्ली। केंद्र और ममता सरकार में जारी टकराव के बीच नाटकीय घटनाक्रम में बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने सोमवार को रिटायरमेंट ले लिया। 31 मई को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, लेकिन राज्य सरकार के अनुरोध पर कुछ दिन पहले ही केंद्र ने बंदोपाध्याय को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था। इस बीच यास चक्रवात के बाद 29 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे के दौरान बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व मुख्य सचिव के आधे घंटे देरी से पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही केंद्र ने बंदोपाध्याय को वापस दिल्ली बुलाने का आदेश जारी कर दिया और 31 मई की सुबह 10 बजे तक उन्हें रिपोर्ट करने का निर्देश दिया, लेकिन वे नहीं गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस निर्णय को असंवैधानिक बताते हुए पहले ही साफ कर दिया कि वह मौजूदा परिस्थिति में मुख्य सचिव को रिलीव (कार्यमुक्त) नहीं करेंगे। इसको लेकर केंद्र के साथ काफी टकराव बढ़ गया था।
हरिकृष्ण द्विवेदी बंगाल के मुख्य सचिव बने
इस बीच, बंदोपाध्याय ने सेवा विस्तार की बजाय सोमवार को रिटायरमेंट लेने का फैसला किया। वहीं, मुख्य सचिव को केंद्र द्वारा वापस बुलाने के निर्णय के बाद प्रतिष्ठा की इस लड़ाई के बीच ममता ने बंदोपाध्याय को अपना विशेष सलाहकार नियुक्त कर दिया है। ममता ने खुद इसकी जानकारी देते हुए मुख्य सचिव के तबादले के निर्देश पर केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि अलापन बंदोपाध्याय ने सोमवार को रिटायरमेंट लेने का निर्णय किया है। वह उनके मुख्य सलाहकार होंगे, जबकि वर्तमान गृह सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी राज्य के मुख्य सचिव होंगे। वह बंदोपाध्याय की जगह लेंगे। वहीं, बीपी गोपालिका को नया गृह सचिव बनाया गया है। अलापन की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई है और उन्हें मासिक 2.5 लाख रुपये वेतन मिलेंगे।
केंद्र पर बरसीं ममता, प्रतिशोध की राजनीति करने का लगाया आरोप
वहीं, ममता ने इस घटनाक्रम को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए सभी सभी राज्यों और नौकरशाहों से तानाशाही रवैये के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्टालिन की तरह काम कर रही है। वे लोग हमें तंग करते हैं, लेकिन उनका हौसला नहीं तोड़ पाएंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केवल प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। यह इस कारण किया है कि क्योंकि बंगाल की जनता ने भाजपा को खारिज कर दिया है। ममता ने कहा कि मुख्य सचिव राज्य के सबसे बड़े नौकरशाह हैं। 74 साल की स्वतंत्रता में कभी भी ऐसा नहीं हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पत्र में यह नहीं बताया गया था कि वह क्यों ज्वाइन करेंगे ? यह प्रतिशोधमूलक आचरण है। इतना निर्मम पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री को नहीं देखा है। मोदी सरकार संघीय व्यवस्था और प्रजातंत्र को नष्ट करना चाहती है। इसके पहले ममता ने पीएम को पत्र लिखकर अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी और इस निर्णय को राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित करार दिया था।