GRAND NEWS, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज इस बात का खुलासा किया है कि डी.एम.एफ. का गठन करने के लिए नियम बनाने का पूर्ण अधिकार केन्द्रीय अधिनियम द्वारा राज्य सरकारों को दिया गया है। जिसके तहत अध्यक्ष तो जिला कलेक्टर ही रहेंगे, लेकिन सांसदों के अलावा विधायक भी डीएमएफ के सदस्य रहेंगे। केंद्रीय निर्देश के मुताबिक प्रभारी मंत्रियों को डीएमएफ का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार के खनिज विभाग द्वारा दिनांक 23 अपै्रल 2021 को राज्य सरकारों को एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें जिला खनिज प्रतिष्ठान (डी.एम.एफ.) के गठन आदि के नियमों को संशोधित करके यह प्रावधान किया गया है कि डी.एम.एफ. के अध्यक्ष कलेक्टर होंगे, विधायक व सांसदगण सदस्य होंगे।
केन्द्र सरकार का यह आदेश समझ से परे है क्योंकि डी.एम.एफ. का गठन करने के लिए नियम बनाने का पूर्ण अधिकार केन्द्रीय अधिनियम द्वारा राज्य सरकारों को दिया गया है, जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन ने नियम बनाकर डी.एम.एफ. का अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री को नियुक्त करने का प्रावधान किया था।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने जानकारी दी है कि धारा 9-बी की उपधारा 3 के परन्तुक में केन्द्र सरकार को जो शक्तियां प्रदान की गई है वह इस बारे में है कि डी.एम.एफ. द्वारा निधि (फंड) की संरचना और उसके उपयोग के संबंध राज्य सरकारों को निर्देश जारी करे न कि डी.एम.एफ. के गठन के बारे में निर्देश जारी करें। मंत्री अकबर ने स्पष्ट किया है कि 23 अप्रैल 2021 के आदेश के पश्चात् भी विधायकगण जिला खनिज प्रतिष्ठान (डी.एम.एफ.) में सदस्य बने रहेंगे।