नई दिल्ली। अप्रैल 2017 में लापता हुआ हैदराबाद के एक व्यक्ति की तलाश ख़त्म हो गई है।
व्यक्ति हैदराबाद में एक सॉफ्टवेर कम्पनी में काम करता था। चार साल पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद आखिरकार सोमवार को आईटी क्षेत्र के कर्मचारी प्रशांत को पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया। इसके बाद उसे साइबराबाद कमिश्नरेट पुलिस टीम को सौंप दिया गया, जो उसे मंगलवार को तेलंगाना के माधापुर ले आई| यहां उसके परिवार ने 29 अप्रैल, 2017 को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
विदेश और गृह मंत्रालयों के साथ तेलंगाना सरकार द्वारा निरंतर फॉलोअप के कारण यह मुमकिन हो पाया है।
इस कहानी के बारे में विशेष रूप से आश्चर्यजनक बात यह है कि विशाखापट्टनम निवासी प्रशांत अपनी फेसबुक महिला मित्र जिससे वह प्यार करता था, उससे मिलने के लिए वह स्विट्जरलैंड जाना चाहता था, लेकिन यात्रा पाकिस्तान, ईरान और टर्की होते हुए करना चाहता था।
कुछ मीडिया एजेंसीज का दावा है कि उसके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे| इसलिए उसने गूगल मैप्स के जरिये दिखाए गए रास्ते पर पाकिस्तान जाने का मन बनाया। वह बस के जरिये राजस्थान गया और वहाँ से पैदल पाकिस्तान की और बढ़ा| लेकिन पाकिस्तानी अथॉरिटी ने उसे बहावलपुर के पास बॉर्डर क्रॉस करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
प्रशांत ने बताया कि उसे लाहौर जेल में अच्छी तरह रखा गया था, पहले वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में था। उसे शुरू में कहा गया था कि जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन इसमें काफी समय लग गया। प्रशांत बीच बीच में अपने परिवार को वीडियो कॉल किया करता था।
पुलिस अब डॉक्यूमेंटेशन का काम पूरा करके युवक को जल्द विशाखापट्टनम भेजने की तैयारी कर रही है।