मार्च 2019 से बंद स्कूल अब तक नहीं खुल पाए हैं। आलम यह है कि इस साल स्कूल की परीक्षाएं तक नहीं हो पाई हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मप्र में अगस्त के पहले सरकारी-प्राइवेट स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। तीसरी लहर नहीं आई और हालात सामान्य रहे तो ही अगस्त में स्कूल खोले जा सकेंगे। इसे लेकर सरकार ने स्कूल संचालक, एक्सपर्ट से बात की जिसमें समान रूप से यही निकलकर आया कि जुलाई आखिरी तक स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए। वैसे मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट तीन दिन में तैयार कर लेगा।
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राज्य सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है कि जुलाई अंत तक कोई स्कूल न खोले जाएं। वैसे भी अब किसी तरह की परीक्षा का दबाव भी नहीं है। सभी तरह के स्कूलों में 15 जून से एडमिशन देने के साथ ऑनलाइन कक्षाएं फिर से चालू करने की अनुमति देने के पीछे भी यही कारण है।
शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा- वैसे इस बार सरकार पवर डेलीगेट करने जा रही है। पहले राज्य स्तर पर फैसले होते थे, अब कोरोना संक्रमण के हालात, जिले और स्कूलों में मौजूद संसाधनों के आधार पर निर्णय होंगे। इसके लिए अधिकार कलेक्टर और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को दिए जा सकते हैं। कमेटी से कहा जाएगा कि वह अपने यहां के शिक्षाविदों, एक्सपर्ट्स और स्कूल संचालकों से चर्चा करके ही फैसला लें।
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मध्य प्रदेश स्टेट एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों ने सरकार को स्कूल खोलने के लिए इंतजार करने की सलाह दी है। वे चाहते हैं कि सरकार को ज्यादा से ज्यादा जगहों पर ट्रायल की अनुमति देनी चाहिए ताकि बच्चों के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो सके। पहली लहर में बुजुर्ग, दूसरी में युवा संक्रमित हुए, इससे लगता है कि तीसरी लहर में बच्चे हो सकते हैं।