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पुणे। पुणे (Pune) की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology) ने एक नए कोविड-19 वेरिएंट B.1.1.28.2 (Corona Variant) का पता लगाया है। इस वेरिएंट का पता यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील से भारत आने वाले इंटरनेशनल पैसेंजर्स के कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के माध्यम से लगाया गया है।ALSO READ : सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की ड्रेस पहन गार्ड ने की महिला की सर्जरी, तड़प तड़प कर हुई मौत जानकारी के मुताबिक, कोरोनावायरस का ये नया वेरिएंट (New Variant B.1.1.28.2) व्यक्ति में गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। रोगजनकता मूल्यांकन के निष्कर्ष बीमारी की गंभीरता को बढ़ाते हैं और वैक्सीन की प्रभावकारिता की जांच की जरूरत की ओर इशारा करते हैं। प्री-प्रिंट स्टडी के निष्कर्ष बायोरेक्सिव पर ऑनलाइन प्रकाशित किए गए हैं।also read : मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणा, राज्य में लाॅकडाउन खत्म, नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा, ई-पास की जरूरत नहीं10 नेशनल लैब ने की 30,000 सैंपल्स की सीक्वेंसिंगहालांकि, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा की गई एक अलग स्टडी की एक अनकरेक्टेड मेन्युस्क्रिप्ट के मुताबिक, दो-डोज वाले कोवैक्सिन रेजिमेन ने एंटीबॉडी को बढ़ाने में काफी मदद की है और इतना ही नहीं इस वैक्सीन ने वैरिएंट के खिलाफ प्रभावकारिता को भी बेअसर किया है। स्टडी में कहा गया है कि B.1.1.28.2 वेरिएंट, शरीर का वजन घटाने, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में वायरल रेप्लिकेशन, फेफड़ों के घावों और इन्फेक्टेड सीरियाई हम्सटर मॉडल में गंभीर फेफड़ों की विकृति का कारण बना है।ALSO READ : अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मांगे 3 लाख, मामला दर्ज जीनोम सिक्वेंसिंग लैब ऐसे म्यूटेंट को देख रही हैं जिनमें बीमारी के ट्रांसमिशन को गंभीर रूप से प्रभावित करने की काफी क्षमता है. INSACOG (भारतीय SARS-CoV-2 जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टिया) के तहत 10 नेशनल लैब ने लगभग 30,000 सैंपल्स की सीक्वेंसिंग की है। सरकार ने जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने की योजना बनाई है और हाल ही में कंसोर्टियम में 18 और लैब्स जोड़ी गई हैं।also read : भांजी को छेड़ा तो कर दी निर्मम हत्या, पहले युवक के सिर पर किया हमला, फिर मुंह के अंदर डाल दी रॉड, 3 गिरफ्तार
पुणे। पुणे (Pune) की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology) ने एक नए कोविड-19 वेरिएंट B.1.1.28.2 (Corona Variant) का पता लगाया है। इस वेरिएंट का पता यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील से भारत आने वाले इंटरनेशनल पैसेंजर्स के कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के माध्यम से लगाया गया है।
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