ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिमाग में मौजूद कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। जो बहुत खतरनाक स्थिति पैदा कर देती हैं। इसमें धीरे-धीरे मस्तिष्क में टिश्यूज़ की एक गांठ बन जाती है जिसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता हैं। बीमारी का पता चलने के बाद मरीज इसे लेकर बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने लगता है जो मरीज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर लाइलाज बीमारी नहीं है लेकिन ट्रीटमेंट के साथ इसमें पॉजिटिव रहने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है।
ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं-
1. बिनाइन ट्यूमर- इसके बढ़ने की गति धीमी होती है और यह दिमाग की सेल्स से ही बनते हैं।
2. मेलिग्नेंट ट्यूमर- इसमें ट्यूमर की ग्रोथ बहुत तेजी से होती है। जिससे कैंसर होने की संभावना भी बनी रहती है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
1. सोते वक्त या सुबह उठने के बाद और इसके अलावा भी दिनभर सिरदर्द होते रहना।
2. याददाश्त प्रभावित होना।
3. जी मिचलाना
4. फोकस करने में परेशानी होना।
5. मिर्गी के झटके आना, कमजोरी, शरीर का सुन्न हो जाना।
6. देखने की क्षमता पर असर पड़ना
7. तनाव और डिप्रेशन
8. आवाज में बदलाव होना
9. सुनाई कम देना
10. मसल्स में कमजोरी
ब्रेन ट्यूमर के कारण
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए डॉक्टर व्यक्ति का क्रेनियल नर्व टेस्ट करने के लिए मस्तिष्क का एमआरआई, एंजियोग्राफी, सिर का एक्सरे और बायोप्सी टेस्ट कराने को सलाह देते हैं। वैसे तो ब्रेन ट्यूमर के लिए सर्जरी ज़रूरी होती है। इसके लिए कई ऐसी टेक्निक डेवलप हो चुकी हैं जिससे इलाज काफी आसान हो चुका है। 20 से 40 उम्र के लोगों को ज़्यादातर नॉन कैंसर और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कैंसर वाले ट्यूमर होने की संभावना बनी रहती है। नॉन कैंसरस ट्यूमर के बढ़ने की स्पीड, कैंसर वाले ट्यूमर की तुलना में धीमी होती है। लेकिन फिर भी अगर आपके सिर में लगातार दर्द रहता है तो इसे अनदेखा न करते हुए एक बार डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।