साल 2015 में पूर्व शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के जीवन पर आधारित मराठी फिल्म ‘बालकाडु’ बनाने वाली फिल्म निर्माता स्वप्ना पाटकर को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। स्वप्ना को मंगलवार 8 जून को गिरफ्तार किया गया है। स्वप्ना पर आरोप है, कि उन्होने क्लिनिकल फिजियोलॉजी में कथित तौर पर फर्जी PHD डिग्री(Fake PHD) हासिल की और एक अस्पताल में नौकरी पाने लिए उसका इस्तेमाल किया।
जानकारी के मुताबिक, स्वप्ना पाटकर साल 2016 से बांद्रा(वेस्ट) के एक प्रमुख अस्पताल में क्लिनकल मनोवैज्ञानिक के रूप में प्रेक्टिस कर कर रही थीं। स्वप्ना के खिलाफ IPC की धारा 419(भेष बदलकर धोखाधड़ी), 420(धोखाधड़ी) और 486(धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी) और 467(जालसाजी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल ये पुरा मामला तब उजागर हुआ जब 51 वर्षिय सामाजिक कार्यकर्ता गुरदीप कौर सिंह को अप्रैल महीने में एक सीलबंद लिफाफे में स्वपना पाटकर की PHD डिग्री से संबंधित कागजात एक गुमनाम स्रोत के ज़रिये हासिल हुए। इसके बाद उन्होने 26 मई को बांद्रा पुलिस स्टेशन में स्वप्ना पाटकर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। दस्तावेजों के अनुसार, साल 2009 में छत्रपति शाहूदी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से जारी हुआ पाटकर का पीएचडी प्रमाणपत्र फर्जी था। इस फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर पाटकर नामी अस्पताल में नौकरी हासिल करने में सफल रही थीं, और वह लंबे वक्त से मानसिक संबंधी समस्याओं वाले लोगों का इलाज कर रही थीं।
इस पूरे मामले की जांच फिलहाल चल रही है। वहीं, स्वप्ना पाटकर की वकील आभा सिंह का कहना है कि पुलिस बिना समन स्वप्ना को गिरफ्तार कर उन्हें अपने साथ ले गई और FIR की कॉपी तक नहीं दी।
बता दें, कि इससे पहले स्वप्ना पाटकर ने शिवसेना नेता के संजय राउत के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में स्टॉकिंग का मामला दर्ज कर रखा है।