नीरज कहा, मेरा तो बस एक ही सपना था कि मैं अपना सबकुछ देकर देश के लिए यह गोल्ड मेडल जीत लाउं। मुझे लगता है कि जितने भी लोग हैं बाहर गांव के सभी लोगों की दुआएं मेरे साथ रही। उन सभी लोगों की दुआ ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया है।