नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच कोरोना की वैक्सीन को लेकर एक और अच्छी खबर आ ही है। देश में पहली बार दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराकों को मिलाकर वैक्सीन देने की तैयारी हो रही है। कोविशील्ड और कौवैक्सीन की मिक्स डोज की स्टडी में अच्छे नतीजे सामने आए हां। आइसीएमआर ने इसकी जानकारी दी है। इस स्टडी में कोविशील्ड और कौवैक्सीन की मिक्स डोज पर अध्ययन किया गया है जिसके नतीजे उत्साहजनक आए हैं। आइसीएमआर के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन और कोविशील्ड के मिक्सिंग और मैचिंग के नतीजे बेहतर दिखे हैं।
Study on mixing & matching of COVID vaccines, Covaxin&Covishield shows better result: ICMR
Immunization with combination of an adenovirus vector platform-based vaccine followed by inactivated whole virus vaccine was not only safe but also elicited better immunogenicity: Study pic.twitter.com/wDVZ6Q2TvU
— ANI (@ANI) August 8, 2021
अध्य़यन में पाया कि एक एडिनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म-आधारित वैक्सीन के संयोजन के साथ टीकाकरण के बाद निष्क्रिय वायरस वैक्सीन न केवल सुरक्षित थी बल्कि इससे बेहतर इम्युनोजेनेसिटी भी प्राप्त हुई। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की कोविड-19 पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने गुरुवार को कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिक्स कर उसके ट्रायल की सिफारिश की थी। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण (Central Drugs Standard Control Organisation) की एक विशेषज्ञ समिति ने बृहस्पतिवार को इस बात की सिफारिश की है कि वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) को कोविड-19 के दो टीकों कोवैक्सीन और कोविशील्ड (covaxin and covishield vaccine) के मिश्रण के क्लिनिकल परीक्षण की इजाजत दी जाए।
समिति ने भारत बायोटेक को उसके कोवैक्सिन और प्रशिक्षण स्तर के संभावित एडेनोवायरल इंट्रानैसल टीके बीबीवी 154 के परस्पर परिवर्तन पर अध्ययन करने के लिए मंजूरी देने की भी सिफारिश की, लेकिन हैदराबाद स्थित कंपनी को अपने अध्ययन से ‘परस्पर परिवर्तन’ शब्द हटाने को कहा है और मंजूरी के लिए संशोधित प्रोटोकॉल जमा कराने को कहा है।
इस ट्रायल के पीछे का उद्देश्य यह देखना है कि क्या किसी व्यक्ति को वैक्सीन का कोर्स पूरा करने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सिन के दो अलग-अलग टीके दिए जा सकते हैं।