इसे ज्यादती ना कहा जाए, तो और क्या कहा जाएगा। एक तो लापरवाही की वजह से परिवार का एकमात्र सहारा छिन गया, उस पर उसके परिवार को राहत देने की बजाय मरने वाले के खिलाफ FIR दर्जकर, जिम्मेदारों पर मेहरबानी की जा रही है।
यह है पूरा प्रकरण
कोरबा के रतीजा इलाके में 3 अगस्त को एक हादसा हुआ। ACB कोलवाशरी के कर्मचारी कोयले के ढेर को हटाने का काम कर रहे थे। इस दौरान धधकता हुआ कोयला डंपर ऑपरेटर महेंद्र पांडे और इनके साथ काम पर लगे शिवकुमार सोनी और अंसारी पर आ गिरा। बुरी तरह झुलस चुके तीनों कर्मचारियों को फाैरन इलाज के लिए रायपुर भेजे गए। अब पिछले दिनों अलग-अलग तारीखों में तीनों की मौत के बाद कंपनी ने इनकी जिम्मेदारी लेने, परिवार को मदद देने से इंकार कर दिया है। पुलिस ने भी घटना के दूसरे दिन इस हादसे में मारे गए महेंद्र पांडे को जिम्मेदार बताकर उसी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। अब मृतकों के परिजन सामने आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस कंपनी प्रबंधन के लोगों को बचाने के प्रयास में है।
पुलिस कंपनी पर मेहरबान
दिपका पुलिस ने हादसे में मारे गए डंपर ऑपरेटर महेंद्र पांडे पर केस दर्ज किया है। बिना सुरक्षा उपायों के कर्मचारियों से काम करवाने वाले ACB इंडिया लिमिटेड पर कार्रवाई तो दूर किसी जिम्मेदार पर FIR तक दर्ज नहीं की गई है। दिपका थाना प्रभारी ने कहा कि फिलहाल इस मामले में जांच जारी है। हम ये भी देख रहे हैं कि काम करने की परमिशन किसने दी, काम करवा कौन रहा था। इन तथ्यों को देखकर प्रबंधन के जिम्मेदारों के नाम भी केस में जोड़े जाएंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। फिलहाल सभी घायलों के उपचार को प्राथमिका दी जा रही थी।
कर्मचारी मानने से ही इंकार
हादसे में मारे गए महेंद्र पांडे के रायपुर निवासी परिजन अमित द्विवेदी ने कोरबा जाकर ACB इंडिया के प्रबंधन टीम के प्रमुख वीके रॉय से जाकर मुलाकात की। उन्होंने बताया कि इलाज और परिवार को आ रही दिक्कत में उनकी सहायता करें। वीके रॉय ने अमित से कह दिया कि महेंद्र पांडे तो हमारे कर्मचारी ही नहीं है। लगातार अमित इस कोशिश में रहे कि कंपनी उनकी मदद करे मगर सहयोग नहीं मिला। पुलिस के पास मदद मांगने गए तो थाने से कह दिया गया 90 दिनों का वक्त है केस दर्ज हो जाएगा जाकर इलाज करवाइए अपने रिश्तेदार का। अमित वहां से रायपुर आ गए। थाने में 4 अगस्त को महेंद्र पांडे के नाम पर ही केस दर्ज किया गया।