बीते कुछ दिनों में देश में कोरोना के नए वैरिएंट यानी ओमिक्रॉन (omicron) की रफ्तार धीमी पड़ी है। इसे लेकर तमाम विशेषज्ञ ये अंदाजा लगा रहे हैं कि जल्द ही कोरोना की ये लहर भी खत्म हो सकती है। लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे ये तो साफ है कि भले ही वायरस की रफ्तार धीमी पड़ी है, लेकिन इसकी चिंता अभी खत्म नहीं हुई है। यानी संक्रमण की रफ्तार धीमी (decrease in positivity rate) जरूर हुई है, लेकिन मौत के आंकड़े अब भी डरा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी कोरोना के आंकड़े ये बताते हैं कि इसकी वजह से रोजाना होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1 लाख 61 हजार 386 नए केस सामने आए हैं। इस दौरान 1 हजार 733 लोगों की कोरोना के चलते मौत हुई है। लिहाजा संक्रमण की रफ्तार धीमी तो हुई है, लेकिन मौत बढ़ रही है। कोरोना से हो रही मौत के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। कोरोना के कुल एक्टिव मामले घटकर 16,21,603 हो गए हैं। लेकिन मौत के आंकड़े चिंतनीय है।
पॉजिटिविटी रेट भी कम
इन सबके बीच यह अच्छी खबर ये भी है कि इस दौरान 2 लाख 81 हजार 109 मरीज ठीक भी हुए हैं। इसके बाद भारत में कोविड-19 के एक्टिव केस की संख्या (Number of active cases of covid-19) में भी गिरावट आई है। आंकड़ों की मानें तो देश में कोरोना का रोजाना पॉजिटिविटी रेट घटकर 9.26 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा देश में कोरोना की जांच भी लगातार तेजी से की जा रही है। ये राहत की खबर है।
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टीकाकरण अभियान
कोरोना से जंग जीतने के लिए देश में वैक्सीनेशन ड्राइव (टीकाकरण अभियान) भी चलाया जा रहा है। भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर पूरे देश में 1 साल से अधिक समय से टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) चला रही है। इस महाअभियान में अब 15 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों और किशोरों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है।
75 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीका
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में 75 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क आबादी को दोनो डोज लग चुकी है। पिछले 24 घंटे में 57 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई गई है। देश में कुल 167.29 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं।
टीका नहीं लगवाना भी मौत का कारण
लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़ों का कारण टीकाकरण भी है। अब भी कुछ लोग टीके से दूरी बनाए हुए हैं। देश के की राज्यों में ये अब भी एक समस्या है। लोगों की यही लापरवाही उनकी मौत का कारण बन रही है। क्योंकि ज्यादातर मामलों में ये सामने आया है कि जिन लोगों की मौत हो रही है, उनमें ज्यादातर लोगों ने टीका नहीं लगवाया था।