नई दिल्ली। दिवाली के तोहफे के तौर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पेट्रोल में जहां 5 रुपए, तो डीजल में 10 रुपए की एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) को कम कर दिया था। बीते चार माह के दौरान ईंधन की कीमतों में घट—बढ़ नहीं होने की वजह से उपभोक्ताओं (Consumer) को काफी राहत मिली, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia-Ukraine War) की वजह से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, जिसका असर भारत पर भी पड़ना स्वाभाविक है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक इंटरनेशनल मार्केट (International Market) में ब्रेंट क्रूड यानी कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें 111 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं। यह क्रूड के लिए करीब 8 साल का हाई है। डबल्यूटीआई क्रूड भी 109 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है। दुनियाभर में सप्लाई कम होने और आगे और शॉर्टेज घटने के अंदेशा के चलते क्रूड में जोरदार उछाल देखने को मिला है। इसके चलते अगले 1 महीने में क्रूड ऑयल की कीमतों में 10 से 15 फीसदी और तेजी आएगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, IIFL के VP-रिसर्च अनुज गुप्ता का कहना है कि ब्रेंट अभी 111 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। यह करीब 7।5 साल का हाई है। जबकि एमसीएक्स पर क्रूड लाइफ टाइम हाई 8088 रुपसे पर पहुंच गया है। जियोपॉलिटिकल रिस्क और सप्लाई कंसर्न के चलते क्रूड अगऔर 1 महीने में 125 डॉलर प्रति बैराल तक महंगा हो सकता है।
चुनाव तक का इंतजार
वहीं एमसीएक्स पर यह 8500 से 8700 रुपये तक पहुंच सकता है। इसके अलावा भारत में पेट्रोल और डीजल में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन क्रूड महंगा होने से बैलेंसशीट पर दबाव बहुत ज्यादा है। ऐसे में चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल 15 रुपये से 20 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है।