Russia-Ukraine war: मोदी सरकार (Modi government)के मंत्री प्रहलाद जोशी(Minister Prahlad Joshi)के विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को अयोग्य बताने वाले बयान की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (State Congress President Mohan Markam)ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध (war in ukraine)के हालात की पूर्व सूचना के बावजूद मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों की चिंता नहीं की। न ही उनके यूक्रेन से देश वापसी के लिए सही समय में कड़े कदम उठाए जिसका नतीजा है कि आज यूक्रेन में दो भारतीय छात्रों की मौत (death of two indian students)हो गई और तीन बेटियां लापता हुई है। और आज भी हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उनके अभिभावक उनके देश वापसी के लिए मोदी सरकार की ओर देख रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है मोदी सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए भाजपा आरएसएस और मोदी सरकार के मंत्री हमेशा उलजुलूल बयानबाजी कर देश की जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं। यह पहला अवसर नहीं है जब मोदी सरकार के मंत्री इस तरह के घटिया बयानबाजी कर अपने अपरिपक्वता का प्रदर्शन किया हो। देश जब भी आपदा में रही है तब भाजपा के नेता अमर्यादित बयानबाजी कर मोदी सरकार (Modi government)के नाकामी पर पर्दा करते हैं।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि अपने निकम्मेपन को ढकने के लिए मोदी सरकार अपने मंत्रियों से इस प्रकार के बयान दिलवा रही है। मोदी सरकार के अज्ञानी मंत्री को इतना भी मालूम नहीं है कि बिना नीट क्वालीफाई किये कोई भी विद्यार्थी किसी भी देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में नहीं पढ़ सकता। छत्तीसगढ़ सहित देशभर के जितने भी छात्र यूक्रेन में पढ़ रहे हैं उन सभी ने नीट क्वालीफाई किया है। यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राएं एवं छत्तीसगढ़ सहित देश भर में रह रहे उनके अभिभावक बेहद दहशत में है। ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राओं को अयोग्य बताना उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। निकम्मी मोदी सरकार अगर उनकी सुरक्षा लिए कुछ कर नहीं सकती तो कम से कम विद्यार्थियों को अयोग्य कहकर उनके और उनके अभिभावकों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाएं। यूक्रेन में अब तक दो भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है और साथ ही भारतीय छात्र छात्राओं के पिटाई और उनके अपहरण की खबरें भी आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के 261 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उनके परिजन बेहद दहशत में हैं। युद्ध के पूर्वानुमान के बावजूद केंद्र में बैठी मोदी सरकार के नेता और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित देश तक लाने का प्रबंध करने के बजाय चुनावी भाषणबाजी और सत्ता पाने के प्रबंध में लगी रही। अब एक ओर भाजपा छत्तीसगढ़ के यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों के परिजनों से मिलने का ढोंग कर रही है और दूसरी ओर इनकी पार्टी के नेता व जिम्मेदार मंत्री जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे विद्यार्थियों को फेल बता रहे हैं।