महासमुंद जिले (Mahasamund District)के वन परिक्षेत्रों (forest zones)में लगातार आग लग रही है। वनों में आग (forest fire)की वजह से वन्य जीव (wildlife)और वन्य सम्पदा( wild estate)को भारी नुकसान हो रहा है।
वनों में आग लगने से कितना नुकसान हो रहा है इसका आकंड़ा (data)वन विभाग के पास नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग हर साल लगती है और इस आग से बचने के उपाय भी लगातार किया जा रहा है।
वन विभाग वन में लगने वाले आग को काबू (control the fire)करने में इसलिए भी नाकाम हो रहे हैं क्यों कि जिले में लगभग 150 कर्मचारी अपनी 11 सुत्रीय मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से अनिश्चित कालीन हड़ताल (indefinite strike)पर है और पिछले एक सप्ताह के भीतर जिले के लगभग 30 वन्य क्षेत्रों में आग लग चुकी है।
हम आपको बता दें कि पिछले दिनों पिथौरा वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 241 और 242 में भीषण आग लगने से बेस कीमती सागौन की लकडिय़ों की तस्करी होने की बात कही जा रही है। वन विभाग के डीएफओ पंकज राजपूत का कहना है कि वन में लगने वाली आग को रोकने के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोटवार के माध्यम से गांव में मुनादी भी करा दी गई है।
कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के बाद उनके स्थान पर वैकल्पि व्यवस्था करने की बात भी कर रहें हैं। वन विभाग वन में लगने वाले आग से होने वाले नुकसान और तस्करी की बात को भले ही नकारते रहे हैं, पर सच्चाई यहीं है कि वन परिक्षेत्रों में आग की वजह से लाखों करड़ों का नुकसान वन विभाग को होगा है। वन सम्पदा सहित वनों से बेस कीमती इमारती लकडिय़ों की तस्करी हो रही है।