जगदलपुर /जब से सरकार ने आत्मानंद के हिन्दी मिडियम की घोषणा की है तब से लेकर अब तक स्कूल लोकेशन पर कई जगह की तलाशी हुई, पहले यह शहर के बीच विद्यालय बस्तर हाई स्कूल में खुलना तय था। जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने बताया कि प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला के निर्देश पर इसे बस्तर हाई स्कूल को अब आत्मानंद से नहीं जोड़ा जाएगा। जाहिर इस सौ साल पुराने भवन को तोड़फोड से बचाने यानि विरासत को संजोकर रखने की दिशा में उत्तम फैसला है। अब यह स्कूल शहर के बाहर स्थित रेल्वे स्कूल को आत्मानंद में बदला जा रहा है।और इसी बात को लेकर कुछ रोज पहले पालक सड़क पर उतर आए थे।
उनकी मांग यह थी कि इस फैसले से हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा । पालकों का कहना था कि रेल्वे स्कूल को आत्मानंद स्कूल में बदलने के फैसले से हमारे बच्चे पढ़ाई के लिए कहां जाएगें?
इस फैसले में कुछ बातें निकल कर आती हैं।
पहली बात तो यह कि रेल्वे स्कूल में गरीब तपके के लगभग 400 बच्चे वर्तमान में अध्ययनरत हैं। यहां गरीबों के बच्चे ही पढ़ाई के लिए प्रवेश पाते हैं , जानकारों का कहना है कि आत्मानंद में इस स्कूल को बदलने की वजह से आने वाले सत्र से इस इलाके में रहने वाले गरीब बच्चों की बाधित हो सकती है क्योंकि आत्मानंद के प्रवेश की जटिलता को यहाँ रहने वाले पालक नहीं समझ पाएंगे।
दूसरी बात आत्मानंद विद्यालयों के संबध में जारी गाईडलाईन्स के मुताबिक स्कूल शहर के बीचो-बीच होना चाहिए । मगर रेल्वे स्कूल शहर के बाहर वीराने में स्थित है।
उक्त दोनों बिन्दुओं को लेकर पालकों और आम लोगों के बीच बड़ी चर्चा है । देखना यह है कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।