बिलासपुर- स्वास्थ्य विभाग में मुख्य चिकि त्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद को लेकर महीनेभर से खिलचान चल रही है। ऐसे में एक दिन पहले ही शासन ने नया आदेश जारी करते हुए डॉ. अनिल श्रीवास्तव को सीएमएचओ और डॉ. प्रमोद महाजन को संयुक्त संचालक के रूप में काम करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है। ऐसे में बुधवार की सुबह डॉ. अनिल श्रीवास्तव कार्यालय पहंुचकर सीएमएचओ की कुर्सी में बैठ गए कुछ देर बाद डॉ. प्रमोद महाजन भी कार्यालय पहंुच गए लेकिन कुर्सी पर डॉ. श्रीवास्तव पहले ही बैठे हुए थ्ो। डॉ. महाजन ने कहा कैसे बैठे हो तो डॉ. श्रीवास्तव ने कहा मेरे पास शासन का आदेश है। बस इसी को लेकर दोनो आपस में भीड़ गए। दोनो की आवाजे कमरे के बाहर तक आने लगी। डॉ. महाजन ने हाईकोर्ट के स्टे का हवाला दिया तो डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि मेरे को शासन ने सीएमएचओ बनाया है। आपको लड़ना है तो शासन से लड़ों। डॉक्टर महाजन ने भी कह दिया कि हाईकोर्ट के आदेश आने तक मैं ही सीएमएचओ हूं इस तरह कुर्सी पर बैठना गलत बात है। इतना कहने के साथ ही डॉ. प्रमोद महाजन चेंबर से बाहर निकलकर चले गए। इधर डॉ. श्रीवास्तव बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय में चेंबर में बैठे रहे। दोनो डॉक्टरों के बीच वाद-विवाद को लेकर दिनभर स्वास्थ्य महकमें में चर्चाए होती रही..
डॉ. श्रीवास्तव ने हटवाया डॉ. महाजन का नेम प्लेट..
शासन ने 24 जून को पहला ओदश जारी कर डॉ. अनिल श्रीवास्तव को सीएमएचओ का दायित्व सौंप दिया था। उस बीच कोर्ट में याचिका लगाकर डॉ. प्रमोद महाजन ने उन्हें कुर्सी से उठवा दिया था। और चेंबर के बहार से डॉ. श्रीवास्तव के नाम का नेम प्लेट उखड़वा दिया था। अब शासन के दूसरे आदेश आते ही डॉ. श्रीवास्तव ने चेंबर के बाहर लगे डॉ. प्रमोद महाजन के नेम प्लेट को उखड़वाकर अपने नाम का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का बोर्ड लगवा दिया है।
-० डॉ. महाजन ने नहीं लौटाई सीएमएचओ की गाड़ी
सीएमएचओ के पद को लेकर दो डॉक्टरों के बीच खिचतान चल रही है। इधर बुधवार को डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने सीएमएचओ की चेंबर में बैठ तो गए लेकिन डॉ. प्रमोद महाजन ने अभी तक सीएमएचओ की गाडी अपने पास रखी हुई है। ऐसे में अभी भी दो-दो सीएमएचओ की गाड़ी जिले में चल रही है। इधर डॉ. श्रीवास्तव ने गाड़ी की मांग की है। कहा है कि मैं कब तक किराए की गाड़ी में दौरा करुगां, आज सीएमएचओ के चेंबर में बैठा था। डॉ. महाजन आए और कहा कि कैंसे बैठे हो मैंने कहा की मेरे पास शासन का आदेश है। उन्होने कोर्ट से स्टे की बात कही मैंने आदेश दिखाने को कहा लेकिन वो नहीं दिखाए और चेंबर से बाहर निकल गए.. इस मामले में मैंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने यथावत स्थिती का आदेश दिया है। ऐसे में आदेश को घुमाकर फिर से जारी कर दिया गया है। जब तक कोर्ट से निर्णय नहीं हो जाता तब तक मैं ही सीएमएचओ हूं मैं चार्ज नहीं सौंपूगा..