रायपुर।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( chief minister bhupesh baghel) ने गुरुवार को कृषि संस्कृति की महत्ता को दर्शाने वाले हरेली त्यौहार ( harelli festival)पर दुर्ग के मालवीय नगर चौक में स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ( CM baghel)ने कहा कि स्वर्गीय वासुदेव चंद्राकर जी को छत्तीसगढ़ की राजनीति का आधार स्तंभ माना जाता है, वैसे तो चंद्राकर जी 14 वर्ष की आयु से ही स्वतंत्र भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए स्वतंत्रता पूर्व विभिन्न आंदोलनों का हिस्सा रहे और छत्तीसगढ़ की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। उनकी छवि हमेशा से किसान हितैषी रही है। किसान के हितों पर कभी समझौता न करने वाले स्वर्गीय चंद्राकर जी खुद भी खेती किसानी की बहुत अच्छी समझ रखते थे। अपने जीवन काल में उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता में प्राणवायु भरने का कार्य किया है। छत्तीसगढ़ में उन्हें हमेशा किसान और मजदूरों के संगठन व उत्थान के लिए कार्य करने के कारण उनके प्रिय नेता के रूप में याद किया जाएगा।
वह नैतिकता को ताक पर रखकर कभी भी कोई कार्य नहीं करते थे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( chief minister bhupesh baghel) ने इसके साथ-साथ उन्हें छत्तीसगढ़ की माटी का कृष्ण कहा, मुख्यमंत्री जी का कथन था कि जब उनके नाम में ही वासुदेव है और वासुदेव का दूसरा नाम कृष्ण है तो इससे बेहतर उनका परिचय नहीं हो सकता। यहां उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी का आत्म चिंतन किया और उपस्थित लोगों के बीच उनका और अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने आगे कहा कि उनके बिना राजनीति के अध्याय की कल्पना नहीं की जा सकती, जनता का विश्वास उनके लिए सर्वाेपरि था, वह नैतिकता को ताक पर रखकर कभी भी कोई कार्य नहीं करते थे, उन्होंने हमेशा आम जनता, मजदूरों और किसानों के हित में अपनी आवाज बुलंद की है।