Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) पहुंचे आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Former RBI Governor) ने गौठान और गोधन न्याय योजना की सराहना की है। उन्होंने इन योजनाओं की सराहना करते हुए कहा है कि योजना में ग्रामीणों की भागीदारी के माध्यम से पशुधन की स्थिति में सुधार का काम सुनिश्चित किया जा रहा है। यह देश के आम आदमी के उत्थान की दिशा-दृष्टि है। उन्होंने गौठानों का दौरा करने के बाद कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पहल देश में सबसे अच्छा बॉटम-अप एप्रोच(bottom-up approach) है।
उन्होंने रविवार को रायपुर जिले के अभनपुर प्रखंड के नवागांव (बाएं) गांव में आदर्श गौठान का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहां के महिला समूहों की आयमूलक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल देश में सबसे अच्छा बॉटम-अप अप्रोच है।
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से हम न केवल खेती और आजीविका के लिए एक बेहतर समाधान प्राप्त कर सकते हैं। बल्कि कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग के कारण भूमि की उर्वरता में कमी की समस्याओं को भी कम कर सकते हैं। खाद्य पदार्थों की उपलब्धता में भी काफी सुधार किया जा सकता है। विषाक्तता, पर्यावरण को नुकसान और ग्लोबल वार्मिंग जैसी कई समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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उन्होंने नवागांव के गौठान में पशुओं की देखभाल के प्रबंधन, मुफ्त चारे और पानी की व्यवस्था, स्वास्थ्य जांच, उपचार और पशुओं के टीकाकरण की सराहना की। उन्होंने देखा कि यहां गौठान में महिला समूहों द्वारा जैविक खाद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, बड़े पैमाने पर तेल आसवन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि जैसी आय बढ़ाने वाली गतिविधियां का संचालित की जाती हैं।
गौठानों में संचालित आजीविका प्रधान गतिविधियां कोविड-19 के दौरान ग्रामीणों को आर्थिक सहायता प्रदान करने में मददगार साबित हुई हैं। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर की खरीद और इसका उपयोग में उपयोग किया जाता है। वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और खेती राज्य सरकार की एक सराहनीय पहल है।
उन्होंने कहा कि इससे भूमि की उर्वरता में सुधार होगा और साथ ही कृषि की लागत भी कम होगी और हानिकारक कीटनाशकों के उपयोग से खाद्य विषाक्तता के जोखिम में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह योजना देश के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण है। इस योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जुलाई 2020 में की थी।