स्पिक्मेके एवं आधारशिला विद्या मंदिर के संयुक्त प्रयास से छात्रों, शिक्षकों एवं अतिथियों की बीच ओड़िसा के कलाकारों ने गोटिपुआ नृत्य की जोरदार प्रस्तुति दी | प्रस्तुति के दौरान कलाकारों की भाव अभिव्यक्ति, उर्जा, संतुलन एवं कलाबाज़ी देख कर सभी दंग रह गये |
कार्यक्रम के शुरुआत में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डा . ए . डी . एन वाजपेयी, आधारशिला विद्या मंदिर के चेयरमैन डा. अजय श्रीवास्तव, स्पिक्मेके कोऑर्डिनेटर श्रुति प्रबला एवं प्रिंसिपल श्रीमती जी. आर मधुलिका ने सभी कलाकारों का स्वागत किया | इसके बाद दर्शकों को गोटिपुआ नृत्य एवं इसके गौरव शाली परंपरा के संबंध में बताया गया |
गोटिपुआ ओड़िसा का एक नृत्य है | गोटी का शाब्दिक अर्थ है ‘एक’ और पुआ का अर्थ है – ‘बालक’ | इसे बालकों एवं तरुणों द्वारा ही प्रस्तुत किया जाता है | ये बालक अपने गुरुओं की देखरेख में कठोर प्रशिक्षण और व्यायाम का जीवन व्यतीत करते हैं | तब जाकर यह नृत्य संभव हो पाता है | नृत्य करते समय वे स्त्री वेश धारण करते हैं व अत्यंत मनोरम एवं अद्भुद कला बाज़ी से भरपूर नृत्य करते हैं |
आज का नृत्य प्रस्तुत करने गुरु दीपक साहू जी के निर्देशन में एक बड़ी टीम आई | इसमें वाद्य यंत्रों पर थे – बिजय कुमार साहू, चिंतामणि राउत, प्रसन्न जेना एवं अनंत बेहरा जी | कार्यक्रम में नृत्य को दीपक साहू, पबित्रा साहू, आनंद संकर मोहंता, रुद्रा मोहन मोहंता, दीपक मोहंता, दीपक मोहंता, संतोष साहू ने प्रस्तुत किया |
पूरी टीम ने मिलकर अद्भुद गायन, वादन एवं न्रत्य का प्रदर्शन किया | वे जिस प्रकार स्तुति एवं विभिन्न प्रकरणों को प्रस्तुत कर रहे थे उसे देख कर सब भाव विभोर हो उठे | साथ ही उनकी कलाबाजियों से तो नज़र हटती ही नहीं थी | प्रस्तुति का समापन उन्होंने सामूहिक रूप से एक के ऊपर एक चढ़ कर तिरंगा फहरा कर किया |
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डा . ए . डी . एन वाजपेयी ने कहा कि इस तरह का प्रदर्शन देख कर शब्द खो जाते हैं | उन्होंने कहा कि भगवान् जगन्नाथ को समर्पित इस विधा को आप सबने बखूबी प्रदर्शित किया | उन्होंने नृत्य में मौजूद भाव और अभ्यास पक्ष के बारे में श्रोताओं को बताया | उन्होंने सभी कलाकारों का धन्यवाद् एवं अभिवादन किया |
शाला के चेयरमैन डा. अजय श्रीवास्तव ने छात्रों से कहा कि इस तरह के कार्यक्रम करवाए जाते हैं ताकि आप भारतीय संस्कृति को समझें | स्पिक मैके कई कला रूपों को बढ़ावा देने में लगी है। संस्था भारत और विदेशों में कला एवं संस्कृति को लोकप्रिय बनाने और प्रचारित करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है। उन्होंने सभी कलाकारों एवं स्पिकमेके के वालंटियर्स – अमल जैन , ब्रेंडन, स्वरिश एवं हीना खान का धन्यवाद दिया |
इस तरह के कार्यक्रम में युवा जितना आगे आयंगे उतना अच्छा रहेगा |