High Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे लोगों को ऐसा लग सकता है कि यह कुछ खास तकलीफ का कारण नहीं बन रहा, जबकि सच्चाई यह है कि कई ऐसी बीमारियां हैं, जो इस रोग से जुड़ी हुई हैं। धमनियों में रुकावट के जोखिम से लेकर दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना तक – LDL या खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से कई तरह से दिक्कतें बढ़ती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल का आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होता, लेकिन कुछ ऐसे संकेत हैं जो आपके शरीर पर नज़र आ सकते है.
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या हैं?
जब हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से पैरों में स्मूद रक्त प्रवाह में रुकावटें आने लगती हैं, तो इससे पेरीफेरल आर्टरी डिज़ीज़ यानी PAD हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों का रंग बदल सकता है। व्यकित के पैर नीले या पीले दिख सकते हैं। इसके साथ दर्द भी हो सकता है, जो चलने से और बिगड़ सकता है और आराम करने के कुछ ही मिनटों में कम हो जाता है.
इसके अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल के क्या संकेत होते हैं:
- पैरों या पंजों में पल्स न होना या कमज़ोर पल्स होना
- पैरों की त्वचा का चमकना
- पंजों पर छाले या घाव हो जाना, जो ठीक नहीं होते
- पैरों का कमज़ोर या सुन्न होना
- पैरों के नाखूनों की ग्रोथ धीमी पड़ना
- पैरों के बालों का उड़ जाना या कम हो जाना
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- एक्सरसाइज़ करते वक्त बार-बार दर्द होना
- सीढ़ियां चढ़ते या चलते समय जांघों, पिंडलियों की मांसपेशियों या कूल्हों में दर्दनाक ऐंठन होना
हाई कोलेस्ट्रॉल का पता कैसे चलता है?
कोलेस्ट्रॉल के स्तर का पता ब्लड टेस्ट लगाया जा सकता है। इसे कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर सोडियम, सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स से दूरी बनाने की सलाह देते हैं। इसके लिए आपको चीज़, बेकन, सॉसेज, बेकड चीज़ें और चीनी युक्त प्रोडक्ट्स से दूर रहना होता है। स्मोकिंग और शराब का सेवन बंद करना होता है। डाइट में ताज़ा फल, सब्ज़ियों के अलावा ज़ैतून के तेल, नट्स और बीज जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन शुरू करना होता है। साथ ही रोज़ाना एक्सरसाइज़ करना अहम होता है