आमतौर पर कहा जाता है कि जब मधुमक्खियां इंसान को डंक मारती हैं, तो ये उनका आखिरी वक्त होता है. हालांकि इस बात में कितना सच है और कितना झूठ, ये आम आदमी को पता नहीं होता।
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मधुमक्खियों को 20 साल से रिसर्च कर रहे वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (Washington State University) में मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट निकोलस नेगर ( Nicholas Naeger) की मानें तो दुनिया में 500 से ज्यादा मधुमक्खियों की प्रजातियां हैं, जो इंसान को डंक मार ही नहीं सकतीं लेकिन काट सकती हैं।इन्हें बिना डंक वाली मधुमक्खी कहा जाता है।इनके अंदर मौजूद डंक इंसान को नुकसान नहीं पहुंचा पाते।
सारी मधुमक्खियां इंसान को डंक मारने के बाद मरती नहीं
रिसर्च कर रहे एलिसन रे (Allyson Ray) बताते हैं कि सारी मधुमक्खियां इंसान को डंक मारने के बाद मरती नहीं हैं. मधुमक्खियां इंसान के साथ-साथ कीड़ों को भी डंक मारती हैं। कीड़ों की त्वचा पतली होती है, ऐसे में मधुमक्खी का डंक सही सलामत रह जाता है, लेकिन जब वो इंसान को डंक मारती हैं, तो त्वचा में उनका डंक धंसा रह जाता है।मधुमक्खी के पेट से आने वाला डंक टूट जाता है और वो वहां से उड़ जाती है।