भारत सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।इस साल समय से पहले पड़ी भीषण गर्मी( high temperature) कारण कम उत्पादन की वजह से भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
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हालांकि सरकार के पास चावल का पर्याप्त बफर स्टॉक है, लेकिन भीषण गर्मी के कारण गेहूं की फसल के नुकसान की वजह से इसकी कम सरकारी खरीद ने चावल पर बोझ बढ़ा दिया है। भारत में धान के कम उत्पादन का असर सिर्फ देश पर ही नहीं बल्कि यह दुनिया को भी प्रभावित कर सकता है। संयुक्त राज्य खाद्य प्रशासन के अनुसार, भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और दुनिया भर में चावल की कुल मांग की 40 प्रतिशत आपूर्ति करता है।
केन्या और सोमालिया देश अकाल की चपेट में
भारत में चावल के कम रकबे की तुलना अफ्रीका के पूर्वी क्षेत्र में भीषण सूखे के साथ की जा सकती है। इस क्षेत्र में सूखे पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया, केन्या और सोमालिया देश अकाल की चपेट में हैं।