ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। Gurmeet Ram Rahim : हरियाणा स्थित डेरा सच्चा सौदा, सिरसा के मुखी राम रहीम ने दावा किया कि T10 और T20 क्रिकेट की शुरुआत उसने की। ऑनलाइन सत्संग में राम रहीम ने कहा कि 24 साल पहले इसे सिरसा के गांव जलालआना में इसे शुरू किया था। तब बड़े-बड़े प्लेयर कहते थे कि यह कोई क्रिकेट है?। कोई खेलने नहीं आता था। आज पूरी दुनिया ने इसे अपना लिया।
एक अट्ठा भी होता था, जो कि गेंद के स्टेडियम पार कर जाने के बाद 8 रन मिलते थे। आने वाले समय अट्ठा भी छक्के पर भारी पड़ेगा। राम रहीम फिलहाल जेल से 40 दिन की पैरोल पर उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में ठहरा हुआ है। उसे 25 नवंबर को रोहतक की सुनारिया जेल वापस लौटना है।
जलालआना से हुई थी टी 10 की शुरुआत
राम रहीम ने डेरे के दूसरे गुरू शाह सतनाम के सिरसा स्थित पैतृक गांव जलालआना में डेरा प्रेमियों से ऑनलाइन बातचीत की। राम रहीम ने कहा कि सबसे पहले इस पाक पवित्र धरती को प्रणाम है। यह हमारे गुरु शाह सतनाम सिंह की पाक जन्मस्थली है। क्रिकेट स्टेडियम जो आप और हमने सबने मिलकर बनाया था। यहां पर टी 10 की शुरूआत की गई थी। शायद 1998 में की थी। फिर T20 क्रिकेट की शुरुआत हुई थी।
शाह सतनाम सिंह के परिवार को किया याद
राम रहीम ने अपने पुराने जानकार राम, मक्खन, लीला के नाम लिए है। राम रहीम ने अपने गुरु सतनाम सिंह के परिवार के सदस्यों से भी बात की। गुरु सतनाम सिंह की बहू नछत्तर कौर से बात की। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों राज, जस का भी हाल चाल पूछा। राम रहीम ने कहा कि मैं भूलता नहीं है। नछत्तर कौर ने राम रहीम का हाल चाल पूछा। इसके बाद राम रहीम ने पूरे परिवार को आशीर्वाद दिया। नछत्तर कौर ने घर में दर्शन देने की प्रार्थना की। इसके बाद परिवार के सदस्य राज सिंह ने गांव में आने का अनुरोध किया।
राम रहीम को दूसरे गुरु ने दी थी गद्दी
डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पहले गुरु शाह मस्ताना थे। जिन्होंने इस डेरे की स्थापना की। उनके स्वर्गवास के बाद शाह सतनाम को इस डेरे की गद्दी मिली। शाह सतनाम से गुरमीत सिंह को इस गद्दी पर बैठाया। जो कि बाद में गुरमीत सिंह राम रहीम के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
अब हनीप्रीत को गद्दी की चर्चा
वहीं डेरे की गद्दी अब राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को सौंपने की चर्चाएं भी हो रही हैं। राम रहीम ने पिछली बार हनीप्रीत को फैमिली ID में जोड़ते हुए मुख्य शिष्या बनाया है। इस बार हनीप्रीत को रुह दी (रुहानी दीदी) का नया नाम दिया है। डेरे की गद्दी अभी तक मुख्य शिष्य को ही मिलती रही है। हालांकि राम रहीम ने इसका खंडन किया। राम रहीम ने कहा कि यह चर्चाएं गलत हैं। वह गुरू हैं और रहेंगे।