रायपुर।छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम( program) के तहत कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद मेें भू-जल संरक्षण संबंधी कार्याे का तेजी से क्रियान्वयन जारी हैं। राज्य में इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को ’स्कॉच अवार्ड’ के पर्यावरण श्रेणी के लिए स्वर्ण पुरस्कार हेतु चयन किया गया है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( CM baghel) और वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने स्कॉच अवार्ड में चयन होने पर विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गत चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत वनांचल स्थित 6 हजार 395 नालों के लगभग 23 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्रों को उपचारित करते हुए विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत एक करोड़ 61 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। यह राष्ट्रीय अवार्ड देश में जनसामान्य की प्रगति की दिशा में कराए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के लिए नई दिल्ली की स्कॉच संस्था द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्यों तथा संस्थाओं के प्रस्तुतिकरण के आधार पर दिया जाता है।
6 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 46 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( CM baghel )की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तालाब में जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है। इनमें वर्ष 2019-20 में 863 नालों का चयन कर लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने के लिए 12 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण शामिल है। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 2 हजार से अधिक नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 46 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण तथा वर्ष 2021-22 में एक हजार 974 नालों का चयन कर 5 लाख 70 हजार हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 73 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं।