जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के एक गांव में घरों में दरारें आने के बाद 21 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के ऐतिहासिक शहर जोशीमठ के सैंकड़ों घरों में ऐसी दरारें आ चुकी हैं। जिसके बाद इन मकानों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया। डेंजर जोन में आने वाले मकान एवं होटलों को भी जमींदोज किया गया। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, जोशीमठ सालाना अपनी जगह से ढ़ाई इंच खिसक रहा है।
राजमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही साइट का निरीक्षण
जरगर ने कहा, ‘‘नई बस्ती की स्थिति की भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से तुलना करना अतिशयोक्ति होगी। हमें भूस्खलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और चिनाब घाटी बिजली परियोजनाओं के भूवैज्ञानिकों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही साइट का निरीक्षण कर लिया है।” इस बीच, घटना से प्रभावित जाहिदा बेगम ने कहा कि वह 15 साल से गांव में रह रही हैं और घरों में दरारें देखकर हैरान हैं।