महाशिवरात्रि पर व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना करते हैं। वह भक्त पूरे साल भगवान शिव की पूजा का फल उस एक दिन में पा जाता है। इसलिए शिव कृपा की इच्छा रखने वाले शिव भक्तों को शिवरात्रि के दिन व्रत अथवा फलाहार रखकर भगवान भोलेनाथ का व्रत करना चाहिए और रात्रि काल में विशेष रूप से शिवजी की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
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माना जाता है कि महाशिवरात्रि के व्रत की शुरुआत त्रयोदशी से ही हो जाती है और इसी दिन से लोगों को शुद्ध सात्विक आहार लेना शुरू कर देना चाहिए। कुछ लोग तो इसी दिन से व्रत का आरंभ कर देते हैं। इसके बाद चतुर्दशी तिथि को पूजा करके व्रत करने का संकल्प लेते हैं। इस दिन शिवजी को भांग, धतूरा, गन्ना, बेर और चंदन अर्पित किया जाता है। वहीं माता पार्वती को सुहागिन महिलाएं सुहाग की प्रतीक चूड़ियां, बिंदी और सिंदूर अर्पित किया जाता है। यदि आप उपवास करते हैं तो पूरे दिन फलाहार ग्रहण करें और नमक का सेवन न करें।
मंत्र का करें जाप
महाशिवरात्रि व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है। प्रत्येक पहर की पूजा में ऊं नम: शिवाय का जप करते रहना चाहिए। अगर शिव मंदिर में यह जप करना संभव न हो, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर जाकर इस मंत्र का जप किया जा सकता है।
व्रत के नियम ( rules)
व्रत के नियममहाशिवरात्रि के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। यदि फिर भी कोई बीमार है या फिर गर्भवती महिला हैं या बुजुर्ग हैं तो वह व्रत में फलाहारी नमक का प्रयोग कर सकते हैं।
व्रत करने वाले व्यक्ति को दिन में निद्रा नहीं लेनी चाहिए और रात्रि में भी शिवजी का भजन करके जागरण करना चाहिए। इस दिन पति और पत्नी को साथ मिलकर शिवजी के भजन करने चाहिए। ऐसा करने से उनके संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
माना जाता है कि शिवजी को खट्टे फलों का भोग नहीं लगाना चाहिए और सफेद मिष्ठान का प्रयोग करना चाहिए।
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। खासकर कि उन महिलाओं के लिए जो अविवाहित हैं। माना जाता है कि जो कन्याएं शिवरात्रि का व्रत करती हैं उन्हें जल्द ही व्रत का फल मिलता है और उनके विवाह के शीघ्र ही संयोग बन जाते हैं।
शुभ समय ( time)
इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 शनिवार को रात 8 बजकर 2 मिनट से अगले दिन शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक है
हरे रंग भगवान को प्रिय
हर रंग भगवान का ही बनाया हुआ है. लेकिन शिवरात्रि पर हरे रंग के कपड़े पहन कर पूजन करने की सलाह दी जाती है. ये माना जाता है कि भगवान शिव को हरे रंग की वस्तुएं प्रिय हैं जिसमें धतूरा और बेलपत्र भी शामिल है. उसी तरह शिवजी को हरे रंग के वस्त्र भी प्रिय हैं. इसलिए पूजन के समय हरा रंग पहनने से भोलेनाथ का आशीष पाना आसान हो जाता है.