अगर आप खुद का बिजनेस करने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस ऑप्शन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको शुरू करके आप महीने में मोटी कमाई कर सकते हैं. खास बात ये है कि इसमें सरकार भी आपकी खुलकर मदद करेगी. आप मेडिकल सेक्टर खोलकर अपना भविष्य संवार सकते हैं. मेडिकल स्टोर का बिजनेस काफी डिमांड में रहता है इसलिए ये आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है.
आपको बता दें, कोरोना काल के दौर में मेडिकल सेक्टर की डिमांड में तेजी आई है. केंद्र सरकार ने जेनरिक दवाइयां मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केद्र (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi) खोलने का मौका दे रही है. इसके लिए सरकार आपकी मदद भी कर रही है. आज हम आपको बताएंगे आप ये बिजनेस कैसे और कब खोल सकते हैं.
कैसे शुरू करें मेडिकल स्टोर का बिजनेस?
जन औषधि केंद्र या मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है. पहली कैटेगरी में कोई भी ऐसा व्यक्ति, जो बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर है, वो ये खोल सकता है. दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, NGO, प्राइवेट अस्पताल, वाले खोल सकते हैं. तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसियां ये मेडिकल स्टोर खोल सकती है. मतलब कि अगर आप जनऔषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए. PMJAY के तहत SC, ST एवं दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये तक की दवा एडवांस रकम दी जाती है. प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है.
कैसे करें अप्लाई?
- जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले ‘रिटेल ड्रग सेल्स’ का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है.
- इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं.
- फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको एप्लीकेशन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा.
कितनी होगी कमाई?
जन औषधि केंद्र में दवाएं बेचने के लिए 20% तक कमीशन मिलता है. इस कमीशन के अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15% तक का इंसेंटिव दिया जाता है. जो आपकी कमाई होगी. वहीं इस योजना के तहत आपको शॉप खोलने के लिए फर्नीचर और बाकी सामानों के लिए सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपये तक की मदद मिलती है. बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर खरीदने में भी सरकार 50,000 रुपये तक की मदद करती है.