दिल्ली( delhi) महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि बचपन में मेरे पिता मेरा यौन शोषण करते थे। इसकी वजह से मैं अपने ही घर में डर कर रहती थी। वो बिना वजह मुझे पीटते थे, चोटी पकड़कर सर दीवार पर टकरा देते थे।
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सुंदर ने अपने पिता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया- जब वो 8 साल थीं तब उनके पिता ने उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था। जब 15 साल की हुई तब मुझमें इस अपराध का विरोध करने की हिम्मत आई।एक समय ऐसा आया जब मुझे खुद अपना स्टैंड (stand) पड़ा। खुशबू ने बताया कि पिता उनकी मां को भी मारा-पीटा करते थे।
स्वाति मालीवाल का बयान
स्वाति ने कहा ‘मुझे अभी तक याद है कि मेरे फादर मेरे साथ यौन शोषण करते थे। जब वो घर में आते थे तो मुझे बहुत डर लगता है। मैंने न जाने कितनी रातें बिस्तर के नीचे बिताई हैं। मैं डरकर, सहमकर कांपती रहती थी। उस वक्त मैं सोचती थी कि ऐसा क्या करूं जिससे इस तरह के सभी आदमियों को सबक सिखा सकूं।
बचपन के उस ट्रॉमा से बाहर निकल पाती
मेरे फादर( father) को इतना गुस्सा आता था कि वो कभी भी मेरी चोटी पकड़कर मुझे दीवार पर टकरा देते थे, खून बहता रहता था, बहुत तड़प महसूस होती थी। उस तड़प से मेरे मन में यही चलता रहता था कि कैसे इन लोगों को सबक सिखाऊं। मेरी जिंदगी में मेरी मां, मेरी मौसी, मौसाजी और मेरे नानी-नानाजी न होते तो मुझे नहीं लगता कि मैं बचपन के उस ट्रॉमा से बाहर निकल पाती।
इंसान के अंदर वो हिम्मत आती है जिससे वो पूरा सिस्टम हिला पाता है
उन्होंने बताया कि तब मैं पूरी रात प्लानिंग करती थी कि जो भी आदमी महिलाओं के साथ, बच्चियों के साथ ऐसा सलूक करते हैं उन्हें सबक सिखाऊंगी. मुझे मेरे पिता बेरहमी से पीटा करते थे. मैं कक्षा 4 तक अपने पिता के साथ रही थी. मेरा मानना है कि जब कोई इंसान अत्याचार सहता है तभी वो दूसरों का दर्द समझ सकता है. तभी उस इंसान के अंदर वो हिम्मत आती है जिससे वो पूरा सिस्टम हिला पाता है. शायद मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ.