रायपुर. छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि साइबर अपराध से संबंधित एनसीआरबी के डाटा का विश्लेषण कर यह पता लगाना चाहिए कि देश-प्रदेश में साइबर अपराध का क्या ट्रेंड( trend) है। डीजीपी जुनेजा साइबर अपराध पर रायपुर, दुर्ग व बस्तर रेंज के पुलिस अधिकारियों की 11 दिन की कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में सोमवार से साइबर अपराध पर कार्यशाला की शुरुआत हुई. सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (CDAC) और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान डीजीपी जुनेजा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आरोपियों द्वारा फिशिंग कर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी लेकर, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड के जरिए ठगी के अपराध देखने को मिले हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर पर्सनल अटैक, ऑनलाईन हरासमेंट जैसे अपराध भी राज्य में प्रकाश में आए हैं।डीजीपी ने कहा, सीडैक संस्था ने देश के महानगरों में इस क्षेत्र में काफी कार्य किया है।
साइबर अपराध जिस गति से बढ़ा है, उस पर नियंत्रण लाया जाना पुलिस के लिए एक चुनौती
एडीजी तकनीकी सेवाएं प्रदीप गुप्ता ने कहा कि साइबर अपराध जिस गति से बढ़ा है, उस पर नियंत्रण लाया जाना पुलिस के लिए एक चुनौती है. यह अपराध आने वाले समय में और अधिक जटिल होने वाली है। ऐसी स्थिति में पुलिस अधिकारियों का स्किल लेवल बढ़ाया जाना आवश्यक है. वर्तमान समय में साइबर एक अनिवार्य कौशल है, जिसका सभी पुलिस अधिकारियों को ज्ञान होना चाहिए। हम एक कदम आगे रहेंगे तभी इस अपराध से निपटा जा सकता है।