रायपुर। राजधानी के तूता नवा रायपुर में आज अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत चपरासी संघ प्रदर्शन करेंगे. छत्तीसगढ़ के लगभग 11000 पंचायतों में काम कर रहे चपरासी कल सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन करेंगे. छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा-70 (1) में प्रदत्त प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के सभी ग्राम-पंचायतों में चपरासियों की सेवाएं 25-30 वर्षों से ली जा रही है. इन ग्राम पंचायत में चपरासियों की संख्या 10 हजार से भी अधिक है.
छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायतों में काम करने वाले चपरासियों को पंचायत की ओर से 1500 से 5000 तक मासिक वेतन दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा-111 अंतर्गत पंचायत के हर कर्मी को भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 21 के अर्थ के अंतर्गत लोक सेवक समझे गए है. ये कर्मचारी शासन के योजनाओं को मूर्तरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिनों में अनियमित कर्मचारियों के मांगों को पूरा करने का वादा किया.
कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छंटनी न करने और आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया गया था. ग्राम पंचायत चपरासियों को छत्तीसगढ़ राज्य में प्रभावशील न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुरूप न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए. जो वर्तमान में उन्हें नहीं मिल रहा है. न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से प्रदेश के हजारों युवकों के आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.