रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी में कांग्रेसियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों नहीं कराए जाने का विरोध किया है। यहां मरीन ड्राइव तेलीबांधा तालाब में पानी के भीतर उतर कर कांग्रेसियों ने जल सत्याग्रह किया। हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर और कांग्रेस नेता विनोद तिवारी के नेतृत्व में कई कांग्रेसी तख्ती लेकर तालाब में उतर और यहां विरोध प्रदर्शन किया। विनोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ चुनाव जीतने ओर वोट का लाभ लेने के लिए राष्ट्पति पद पर एससी,एसटी समुदाय का चयन किया है, नए संसद भवन की आधारशिला के समय तत्कालिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को निमंत्रण नही दिया गया। अब नए संसद भवन का उद्धघाटन हो रहा है तो वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नही किया जा रहा है, यह बेहद दुर्भाग्यजनक है ।
संसद भारतीय गणतंत्र का सर्वोच्च सदन है और राष्ट्रपति सर्वोच्य संवैधानिक पद होता है, इसलिए नवनिर्मित संसद भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति के हाथों करवाना चाहिए था लेकिन ऐसा न कर केंद्र में बैठी मोदी सरकार का एससी,एसटी विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। पूरे देश मे इस बात की मांग उठ रही थी कि नए सांसद भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों ही होना चाहिए। तिवारी ने कहा की राष्ट्रपति,जो संवैधानिक प्रमुख होता है।शासन में सर्वव्यापी होता है।संविधान के तहत, भारत संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति के पास है। राष्ट्रपति सशस्त्र बलों के प्रमुख हैं और अनुच्छेद 53 बहुत स्पष्ट है कि मंत्री और अन्य सभी अधिकारी भारत के राष्ट्रपति के अधीन है। जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल है।