बस्तर। Bastar Election : छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 7 नवंबर को बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे. नक्सल प्रभावित बस्तर में शांतिपूर्ण चुनाव कराना बेहद ही चुनौती पूर्ण है. क्योंकि हमेशा से ही नक्सली चुनाव में बाधा डालने की कोशिश करते हैं. हालांकि शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए बस्तर संभाग में जवानों ने भी अपनी कमर कस ली है. सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकिंग के साथ नक्सल विरोधी अभियान भी तेज कर दिया गया है. बस्तर संभाग में करीब 1 लाख जवानों के सुरक्षा के साये में 2023 का विधानसभा चुनाव कराया जाएगा.
बस्तर में कैसी है चुनावी तैयारी ?: बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर में नक्सलियों की मौजूदगी बनी रहती है. चुनाव के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए नक्सली छोटी बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं. लेकिन पूरे बस्तर संभाग में सुरक्षा बल के जवान भी पूरी तरह मुस्तैद है. बस्तर चुनाव में जिला पुलिस, DRG, एसटीएफ, कोबरा और केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के जवान तैनात है. इसके अतिरिक्त बाहर से भी चुनाव आयोग के माध्यम से अतिरिक्त बल की तैनाती की जा रही है. इन सभी सुरक्षा बल के जवानों को आवश्यक इलाकों में तैनात किया जा रहा है. जिन इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. वहां सुरक्षाबल के जवानों की संख्या को बढ़ाकर और तेजी से ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सीमावर्ती इलाकों में भी जवानों को तैनात किया जाएगा.
बस्तर के नक्सल प्रभावित गांवों में बने पहली बार बूथ: बुलेट पर बैलेट की जीत के लिए बस्तर संभाग के कई गांवों में पहली बार मतदान केंद्र बनाए गए हैं. ये वो गांव है जहां आजादी के बाद से आज तक कभी मतदान केंद्र नहीं बने. 126 नए बूथ बनाए जा रहे हैं. जिनमें 40 ऐसे गांव है जहां के रहने वाले आजादी के बाद पहली बार वोट डालेंगे.
बस्तर में 126 नए बूथ: 126 नए बूथों में से 15 कांकेर विधानसभा क्षेत्र में, 12 अंतागढ़ में, पांच भानुप्रतापपुर (कांकेर जिले) में, 20 कोंटा (सुकमा जिले) में, 14 चित्रकोट में, चार जगदलपुर में, एक बस्तर (बस्तर जिले) में हैं. कोंडागांव में 13, केशकाल (कोंडागांव जिला) में 19, नारायणपुर में नौ, दंतेवाड़ा में आठ और बीजापुर में 6 नए बूथ बनाए गए हैं.
साल 2018 के चुनाव में भी नक्सल घटनाओं में आई कमी: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि गैरकानूनी व प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी लोकतंत्र के विरोध में हमेशा से ही खड़े रहे हैं. चुनाव के दौरान मतदान दलों के ऊपर हमला करना, सुरक्षाबल के जवानों को टारगेट करना या अन्य चुनाव संबंधी गतिविधियों के ऊपर बाधा डालने का काम करते हैं. लेकिन बीते चुनावों में ऐसी घटनाओं में कमी आई है. साल 2018 के चुनाव में नक्सली कोई बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे सकें.
2023 के विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने की तैयारी है. लगातार बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में सभी प्रकार का ऑपरेशन, सीमावर्ती इलाकों में चेक पोस्ट लगाकर चेकिंग किया जा रहा है. बस्तर पुलिस के पास पहले से ही स्पेशल फोर्स है. बाहर से भी फोर्स चुनाव के दौरान आ रही है. शांतिपूर्ण चुनाव पूरे कराए जाएंगे. इसके लिए पहले से ही होमवर्क किया गया है. ताकि सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी हो सके. और चुनाव का कार्य सुरक्षित संपन्न हो सके.- सुंदरराज पी, बस्तर संभाग
सुरक्षा कारणों से आईजी ने जवानों की संख्या का उल्लेख नहीं किया. लेकिन बीते चुनाव में तैनात जवानों के आंकड़ों के लिहाज से करीब 1 लाख पुलिस फोर्स के सुरक्षा के साये में बस्तर का चुनाव संपन्न कराया जाएगा.
बस्तर के नेताओं को X श्रेणी की सुरक्षा: हाल ही में बस्तर संभाग के 24 नेताओं को X श्रेणी की सुरक्षा भी चुनाव आयोग ने दी थी. दरअसल साल भर में बस्तर के अलग अलग जिलों के भाजपा नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. इसमें नारायणपुर में 2, बीजापुर में 1, दंतेवाड़ा में 1, बस्तर में एक. पूरे संभाग में 5 भाजपा नेताओं की हत्या की थी. जिसे देखते हुए भाजपा ने बस्तर के अंदरूनी इलाकों के नेताओं को सुरक्षा देने की मांग की थी. इसके बाद छत्तीसगढ़ में चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद बस्तर संभाग के 24 नेताओं को X श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
चुनाव आयोग ने इन नेताओं को दी है X श्रेणी की सुरक्षा.
1- श्रीनिवास मुदलियार
2-कमलेश मंडावी
3-लव कुमार रायडू
4-फूलचंद गागड़ा
5-घासीराम नाग
6-जगर लक्षमैया
7-संजय लुक्कड़
8-किरण देव
9-सुधीर पांडेय
10-मनीष सुराना
11-रामू नेताम
12-कमला नाग
13-जशवीर नेगी
14-संतोष गुप्ता
15-कमो कुंजाम
16-सत्यजीत सिंह चौहान
17-कुलदीप ठाकुर
18-सोमड़ु कोर्राम
19-धीरेंद्र प्रताप सिंह
20-धनीराम बारसे
21-संजय सोढ़ी
22-जसकेतु उसेंडी
23-देवलाल दुग्गा
24-भरत मतियारा