सरकारी कर्मचारियों के लिए तत्काल प्रभाव से आदेश लागू किया गया है। जिसमें उनके लिए कुछ नियम तय किए गए है। अधिसूचना के तहत यदि पत्नी या पति जीवित है तो सरकारी कर्मचारियों को किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक होगी।
असम सरकार द्वारा इसके लिए नियम तय कर दिए गए हैं। असम सरकार ने अपने कर्मचारियों को स्पष्ट किया कि पति या पत्नी के जीवित होते हुए दूसरी शादी करने पर रोक लगाने के लिए यह प्रावधान तय किया गया है। भले ही व्यक्तिगत कानून के तहत उसे शादी करने की अनुमति हो। दूसरी शादी करने से पहले सरकार की अनुमति आवश्यक होगी। हालांकि इसमें तलाक के मानदंड के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने के भी निर्देश दिए हैं।
दिशा निर्देश असम सिविल सेवा नियमावली नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार जारी किया गया है:-
- जिसमें पहले नियम के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसकी पत्नी जीवित है, सरकार की अनुमति प्राप्त किए बिना दूसरी शादी नहीं करेगा। इसके बावजूद इस तरह की बाद की शादी उस पर लागू होने वाले समय के लिए व्यक्तिगत कानून के तहत स्वीकार होगी।
- नियम जो के तहत कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी सरकार की अनुमति के बिना किसी ऐसे व्यक्ति से शादी नहीं करेगी, जिसकी पत्नी जीवित है।
इस मामले में वरिष्ठ वकील हाफिज राशिद चौधरी ने कहा कि प्रावधान हमेशा से नियम पुस्तिका मे रहा है राज्य सरकार के कर्मचारियों को सिविल सेवा में शामिल होने पर एक शपथ पत्र जमा करना आवश्यक है। निश्चित रूप से इस तरह का प्रावधान नियम पुस्तिका में काम से कम 1964 से है, जब केंद्रीय सिविल सेवा आचरण नियम का पहला संस्करण अधिसूचित किया गया था। ऐसे में सभी राज्य कर्मी को इस नियम को मनाना अनिवार्य होगा।