अक्षय पुण्य फल प्रदान करने वाली आंवला नवमी आज यानी 21 नवंबर को है. आंवला नवमी हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होती है. इसको अक्षय नवमी और कूष्मांड नवमी भी कहते हैं. इस दिन आंवले के वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदें गिरती हैं. इस दिन प्राप्त किए गए पुण्य और अच्छे कर्मों के फल अक्षय रहते हैं.
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आंवले का भोग लगाएं: अपनी सोई किस्मत चमकाने के लिए आंवला नवमी का दिन बेहद खास होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज के दिन पूजा के समय भगवान विष्णु को आंवले का भोग लगाएं. साथ ही किसी गरीब ब्राह्मण को आंवले का दान करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और आप पर उनकी कृपा होगी.
आंवले के पेड़ के नीचे बैठे: मान्यताओं के अनुसार, अक्षय पुण्य फल प्रदान करने वाली आंवला के दिन आंवले के वृक्ष से अमृत की बूंदे निकलती हैं. इसका लाभ लेने के लिए आंवला नवमी यानी अक्षय नवमी को अपने परिजनों के साथ आंवले के पेड़ के नीचे समय व्यतीत करना चाहिए. आंवले के पेड़ की जड़ में दूध और जल अर्पित करें. ऐसा करने से आपको उत्तम स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होगा. साथ ही परिवार में सुख और शांति बनी रहेगी.
केसरी खीर का भोग लगाएं: अक्षय नवमी यानी आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. इस दिन आप माता लक्ष्मी की भी पूजा करें और उनको केसर वाली खीर का भोग लगाएं. इसके बाद इसे प्रसाद स्वपरूप परिवार के सदस्यों को खिलाएं. ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और आपके घर से आर्थिक संकट दूर करेंगी. इसके साथ ही घर में धन-संपत्ति में वृद्धि होगी.