जबलपूर। कोर्ट में कई बार बेहद अजीबो-गरीब याचिकाएं दाखिल की जाती हैं. ऐसी ही एक याचिका के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर यकीनन आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. जहां एक महिला ने बच्चा पैदा करने के लिए कोर्ट में याचिका देकर अपने पति को रिहा करने की मांग की है.
जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि फ़ाइल में मेडिकल रिपोर्ट नहीं थी। शासन की तरफ से पेश हुए वकील से जब रिपोर्ट मांगी गई तों फ़ाइल में मेडिकल रिपोर्ट नहीं थी। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने एक सप्ताह बाद मेडिकल रिपोर्ट के साथ पेश होने निर्देश दिए है। इस बहस के दौरान सीनियर अधिवक्ता वसंत डेनियल शेफाली शराफ दामिनी सिंह बिलाल मंसूरी गुंजन दुआ मौजूद रहे।
डॉक्टरों की टीम ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है
जबलपुर हाईकोर्ट में बच्चा पैदा करने के लिए पति की रिहाई के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई टल गई। महिला खंडवा की रहने वाली है और महिला ने पति की पैरोल या जमानत पर छोड़ने के लिये नवम्बर में याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट के न्यायधीश विवेक अग्रवाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय के डीन को 5 डॉक्टरों की टीम गठित करने के निर्देश दिए थे। कहा था कि मेडिकल टीम ये पता लगाए कि महिला गर्भधारण करने के लिए फिट है या नहीं। ओर सुनवाई की तारीख 18 दिसंबर सोमवार के दिन तय की थी।