कोविड-19 सब-वेरिएंट JN.1 के अब तक गोवा, केरल और महाराष्ट्र में मामले पाए गए हैं. वहीं देशभर में अब तक कोविड-19 सब-वेरिएंट JN.1 के 21 मामले सामने आ चुके हैं. गोवा, केरल और महाराष्ट्र में नए कोरोना वायरस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं
भारत के नेशनल टैक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि पैनिक करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. यह सामान्य वैरिएंट है. यह खतरनाक नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का ये नया वेरिएंट खतरनाक नहीं है लेकिन सर्दी, जुकाम, वायरल में जैसे सावधानियां बरतते हैं और परिवार में एक के होने पर दूसरे लोग इसकी चपेट में न आएं, ऐसे बचाव करते हैं, वैसे करते रहें. हाथों को साबुन से धोएं, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें.विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण कहता है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट पर पूरी तरह से कारगर है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।
हालांकि, WHO ने ऐहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंद या दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने को भी कहा गया है।
सबसे पहला केस अगस्त में लक्जमबर्ग में पाया गया
दरअसल कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन वंश का वंशज, JN.1 पिछले कुछ हफ्तों में सबसे तेजी से फैलने वाले वायरस में से एक बन गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को एक अलग ‘वैरीअंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया है. इसका सबसे पहला केस अगस्त में लक्जमबर्ग में पाया गया. इसके बाद यह धीरे-धीरे 36 से 40 देशों में फैल गया