हफीज़ खान.राजनांदगांव। Chhattisgarh News : जिले में बढ़ती अवैध शराब की बिक्री और बिक्री मूल्य से अधिक दर पर शराब बेचे जाने के मामले को लेकर आज जनता कांग्रेस-जे के कार्यकर्ताओं ने आबकारी विभाग कार्यालय का घेराव करते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले में जांच करवाई की मांग की है।
राजनांदगांव शहर सहित जिले भर में बीते कुछ समय से अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है। वहीं शराब दुकानों में निर्धारित मात्रा से अधिक शराब लोगों को दिया जा रहा है। जनता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बनाए गए एक वीडियो में बोरियों में भरकर शराब ले जाते हुए लोगों को देखा जा सकता है। जिले में अवैध शराब बिक्री को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए जनता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आज आबकारी विभाग कार्यालय का घेराव करते हुए इस मामले में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप है और जांच करवाई की मांग की है।
इस दौरान जनता कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शमसुल आलम ने कहा कि राजनंदगांव के शासकीय शराब दुकानों में एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बेची जा रही है। वहीं लोगों को बोरियों में भरकर शराब दिया जा रहा है। उन्होंने कहा की अवैध शराब की बिक्री को बढ़ावा देने वाले आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शराब दुकानों के शासकीय कारण के बाद अब चखना दुकानों का भी शासकीय कारण कर दिया गया है। जनता कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पहुंची महिलाओं ने कहा कि अवैध शराब बिक्री से गांव का माहौल खराब हो रहा है। महिलाओं ने मांग की है कि प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए।
जनता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस मामले का ज्ञापन राजनांदगांव तहसीलदार को कलेक्टर के नाम सौंपा है। वहीं तहसीलदार मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि ज्ञापन कलेक्टर महोदय को प्रेषित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
20 या 30 रूपये अधिक दर पर शराब बिक्री
राजनांदगांव शहर की शासकीय शराब दुकानों में पिछले कुछ समय से अधिक दर पर शराब बेचे जाने की शिकायत लोगों के द्वारा की जा रही है। जिसकी सत्यता जानने जनता कांग्रेस द्वारा शराब दुकानों में पहुंचकर इसकी पड़ताल की गई है, जहां 20 या 30 रूपये अधिक दर पर शराब बिक्री पाया गया है। वहीं निर्धारित मात्रा से अधिक शराब भी दी जा रही है, जो नियम विरुद्ध है।
अब इस मामले में जनता कांग्रेस ने कलेक्टर से जांच कर संबंधित आबकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है और कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आदर्श संचार संहिता के उपरांत आंदोलन किए जाने की चेतावनी भी दी है।