भारत में किसी भी शुभ मौके पर मिठाई खिलाई जाती है। इसी तरह सभी त्योहारों में फोकस भी मिठाइयों पर ही रहता है। इस दौरान इतना मीठा खा लिया जाता है कि यह सबको ही नुकसान पहुंचाता है। मिठाइयों में चीनी का भारी मात्रा में इस्तेमाल होता है और चीनी किसी ज़हर से कम नहीं होती। हालांकि ये स्लो पॉइज़न की तरह से काम करती है और बैठे बिठाए कई बीमारियों का कारण बन जाती है। चीनी बनती भले ही गन्ने से है, लेकिन इसे साफ करने और बनाने की प्रोसेसिंग में इतने केमिकल का उपयोग किया जाता है, कि इसमें कोई पोषक तत्व नहीं बचता है।
अगर आप दिवाली के मौके पर घर पर मीठे पकवान बनाने का प्लान कर रही हैं, तो हम आपके लिए लाए हैं चीनी के कुछ ऐसे विकल्प जो न सिर्फ आपकी डिश का स्वाद बढ़ाएंगे बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व सेहत को फायदा करेंगे। डाइट कॉन्शियस, डायबिटीज़ और मोटापे से परेशान लोगों के लिए चीनी के ये विकल्प किसी अमृत से कम नहीं हैं। इन विकल्पों के इस्तेमाल से वज़न को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
शहद
कच्चा शहद चीनी का सबसे बेहतरीन विकल्प है। इसमें फॉसफोरस, पोटैशियम, ज़िंक, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन-बी6, एंज़ाइम्स, रिबोफ्लाविन, कैल्शियम और नियासिन जैसे खनीज मौजूद होते हैं। यह रोगाणुरोधी और प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है।
गुड़
गुड़ को बनाने का तरीका प्राकृतिक होता है, लेकिन याद रखें गुड़ जितना काला होता है, वह उतना ही शुद्ध् होता है जबकि चमकता और लाल गुड़ प्योर नहीं माना जाता। ऐसे में ऐसा गुड़ ही खाएं जिसका रंग काला हो।
खजूर
खजूर से बना गुड़ भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसे भी प्राकृतिक तरीके से बनाया जाता है और इसमें भी किसी केमिकल का उपयोद नहीं किया जाता। साथ ही ये खाने में भी मज़ेदार होता है।
नारियल की चीनी
नारियल की चीनी का रंग भूरा होता है। ये नारियल के पेड़ से निकलने वाले मीठे पानी से बनाई जाती है। नारियल के पानी को जला कर चीनी बनाई जाती है। ये नेचुरल होती है इसलिए इसमें पोषक तत्व भी भरपूर होते है।
स्टेविया
स्टेविया एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां मीठी होती हैं। दक्षिण अमेरिका में रहने वाले लोग इसका सदियों से उपयोग करते आ रहे हैं। इसकी मिठास रिफाइन्स शुगर से भी ज़्यादा होती है। इसकी पत्तियों को सुखाकर इसका पाउडर बनाया जाता है और उसे यूज़ किया जाता है। यह डायबिटीज़ या मोटापे के रोगियों के लिए भी सुरक्षित होती है।