इस साल होलाष्टक का प्रारंभ 10 मार्च से हो रहा है, जो 17 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) तक रहेगा। होलिका दहन के साथ होलाष्टक का समापन हो जाएगा। होलाष्टक के 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा (Phalguna Purnima) तक 8 ग्रह क्रमश: उग्र रहते हैं। इन ग्रहों में सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु शामिल हैं।
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आइए जानते हैं कि होलाष्ट ( holastak) किन-किन कार्यों को नहीं करना चाहिए।
होलाष्टक में कभी भी विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई (engagement) 16 संस्कार नहीं करने चाहिए।
2. फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा के मध्य किसी भी दिन नए मकान का निर्माण( home construction) कार्य प्रारंभ न कराएं और न ही गृह प्रवेश करें
3.होलाष्टक के दिनों में नए मकान, वाहन, प्लॉट ( plot)या दूसरे प्रॉपर्टी की खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है।
4.होलाष्टक के समय में कोई भी यज्ञ, हवन आदि कार्यक्रम नहीं करना चाहिए।उसे होली(holi) बाद या उससे पहले कर सकते हैं।
5. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के समय में नौकरी ( job)परिवर्तन से बचना चाहिए। नई जॉब ज्वाइन करनी है, तो उसे होलाष्टक के पहले या बाद में करें।यदि अत्यंत ही आवश्यक है, तो कुंडली के आधार पर किसी ज्योतिषाचार्य(astrologer ) की सलाह ले सकते हैं।