पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों का विकल्प तलाशने के लिए देश में सरकार और कार कंपनियां लगातार प्रयासरत हैं. एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक( electric) वाहनों पर भरपूर ध्यान दिया जा रहा है, वहीं अब एक नया विकल्प भी बाजार में आने वाला है. यह विकल्प है फ्लेक्स फ्यूल तकनीक( technique) पर चलने वाली कार. इस तकनीक से चलने वाली देश में पहली कार 28 सितंबर को अनवील होगी
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के एक कार्यक्रम में कहा था कि वे सितंबर में भारत की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार का खुद अनावरण करेंगे। इस कार( car) में एक 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल होगा।
क्या है यह तकनीक( technique)
फ्लेक्स फ्यूल उस ईंधन को कहा जाता है जो पेट्रोल के साथ इथेनॉल या मेथेनॉल के मिश्रण से तैयार किया जाता है. इस तकनीक से चलने वाली कारों के इंजन को दो या इससे ज्यादा ईंधन से चलाने के लिए उसमें कुछ तकनीकी परिर्वतन करने की आवश्यकता होती है. यह इंजन पूरी तरह से पेट्रोल या ईथनॉल पर भी काम कर सकता है।