रायपुर। CG VIDHANSABHA : किसानों से 33 रुपए प्रति लीटर में दूध खरीदकर दुग्ध महासंघ 55 रुपए प्रति लीटर में बेच रहा है. विधानसभा में पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है. इसके मुताबिक दुग्ध महासंघ में पंजीकृत किसानों के मुकाबले दूध बेचने वाले किसानों की संख्या आधे से काफी कम है.
कांग्रेस विधायक अरूण वोरा ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से लिखित सवाल पूछा था कि राज्य में कुल कितने किसान सहकारी दुग्ध महासंघ में दूध बेचने के लिए पंजीकृत हैं. इनमें से कितने किसान दुग्ध महासंघ को दूध बेच रहे हैं. कृषि मंत्री चौबे ने बताया कि राज्य के 37356 किसान दुग्ध सहकारी समिति के सदस्य के रूप में पंजीकृत हैं. इनमें से 13308 किसान दुग्ध समितियों के माध्यम से महासंघ को दूध बेच रहे हैं.
वोरा ने पूछा कि सहकारी समितियों के द्वारा किसानों से प्रति लीटर किस दर से दूध की खरीदी की जा रही है. महासंघ द्वारा किस दर से दूध की बिक्री की जा रही है. मंत्री चौबे ने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से वर्तमान में दूध की गुणवत्ता 4.0 प्रतिशत घृतांश व 8.5 प्रतिशत अघृत ठोस युक्त दूध 33 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदी की जा रही है.
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विधायक वोरा ने एक अन्य सवाल किया कि वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में प्रदेश में कुल कितने टन दूध का उत्पादन हुआ? राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता क्या है? मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 1677265 टन, 2020-21 में 1747288 टन और 2021-22 में 1848345 टन दूध का उत्पादन हुआ. राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 171 ग्राम प्रतिदिन है.
दूध की उपलब्धता में काफी पीछे
सरकारी स्रोतों से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक भारत में दूध का उत्पादन पिछले 6 वर्षों के दौरान सालाना औसतन 6.3 प्रतशित की दर से बढ़ा है. प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में प्रति व्यक्ति 307 ग्राम से बढ़कर वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 406 ग्राम हो गई है. राज्य बनने के समय छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 105 ग्राम थी, जो अब 171 ग्राम प्रतिदिन हो गई है. इस लिहाज से देखें तो राष्ट्रीय औसत से छत्तीसगढ़ काफी पीछे है.