चिरमिरी। जिला एमसीबी के नगर पालिक निगम चिरमिरी शहर में पुलिस प्रशासन का खौंफ कबाड़ी गिरोहों पर इस कदर हावी है कि चिरमिरी शहर में कबाड़ चोरियों पर निरंतर कार्यवाही के बाद स्थानीय कबाड़ चोरों ने मानों शहर ही बदल लिया हो, जहां पुलिस प्रशासन के इस सख़्त रवैए से काफी हद तक राहत मिली थी, मगर बीते दिन बुधवार दिनांक 27.12.2023 की सुबह कुछ स्थानीय लोगों द्वारा खबर मिली कि एस ई सी एल प्रबंधन के उप क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पोंड़ी के कार्यालय परिसर के ठीक पिछे जहां बाउंड्री वॉल टूटा हुआ बदहाल अवस्था में है
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टूटे दीवाल के पास, खदानों में इस्तेमाल होने वाले बड़े मशीनों के पुर्जे एवं कबाड़ चोरों द्वारा ले जाने की फिराक से निकाले तो गए थे, मगर कुछ स्थानीयों द्वारा शोरगुल करने पर वहां मौजूद चोर भाग खड़े हुए। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस चोरी को अंजाम देने की फ़िराक से कबाड़ चोरों का गिरोह रात के अंधेरों में वहीं कार्यालय के इर्द गिर्द छुपा बैठा था, जिसकी भनक चोरों ने किसी को पड़ने नहीं दी, घात लगाए बैठे चोरों ने भोर के तीन से चार बजे के बीच कबाड़ एवं लोहे के पुर्जों को बाउंड्री वॉल से बाहर तो कर दिया मगर ले जाने में असफल साबित हुए ।
कबाड़ियों ने चिरमिरी शहर में अवैद्य कबाड़ के चोरियों को अंजाम देने के मकसद से दस्तक दी
विश्वस्त सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है कि कबाड़ चोरों की गाड़ी मनेंद्रगढ़ के रास्ते भागी है। जिसके बाद सबसे महत्वपूर्ण सवाल यहां पर यह खड़ा होता है कि पुलिस प्रशासन की निरंतर कार्यवाहियों को देखते हुए चिरमिरी क्षेत्र के कबाड़ियों में ऐसा आतंक छाया कि यहां के कबाड़ी मानो क्षेत्र से ही गायब हो गए हों, तब क्या ये कहना उचित होगा कि अन्य क्षेत्रों के कबाड़ियों ने चिरमिरी शहर में अवैद्य कबाड़ के चोरियों को अंजाम देने के मकसद से दस्तक दी है? साथ ही साथ, एस ई सी एल प्रबंधन की ऐसी भी क्या नाकामी कि अपने क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए भी सदैव स्थानीय प्रशासन पर ही निर्भर नज़र आती है? यदि इस बात में कहीं सच्चाई नहीं है फिर क्यों कभी आपने ही खदानों से निकलते कोएले तो कभी बड़े मशीनों के पुर्जे कबाड़ों को बचा पाने में एस ई सी एल प्रबंधन के ही सुरक्षाकर्मी नाकामयाब देखें जाते हैं? बीते दिन की इस घटना से एक बात तो साफ हो गई है कि कबाड़ चोर कहीं के भी हों मगर कबाड़ चोरी जैसे मामलों को फिर से अंजाम देने की कहानी शुरू कर दी गई है, जिसमें देखने वाली बात यह होगी कि क्या एब ई सी एल प्रबंधन आपने ही क्षेत्र एवं संपत्ति को सुरक्षित कर पाती है या कहीं एस ई सी एल प्रबंधन का खुद का ही हाथ इस पूरे काले कारोबार को अंजाम देने वालों के सर पर बना रहता है?