रायपुर। कोरोना संकट के समय होम आइसोलेशन एक वरदान सिद्ध हुआ है। लक्षणरहित मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर सही उपचार देने से रिकवरी रेट में काफी ज्यादा सुधार दर्ज किया गया है। साथ ही गंभीर एवं लक्षणयुक्त मरीजों के लिए हॉस्पिटल में बेड की कमी जैसी समस्याओं से भी नहीं जूझना पड़ रहा है।
रायपुर जिले में कलेक्टर एस. भारतीदासन के निर्देश में गठित होम आइसोलेशन टीम ए.डी.एम. विनीत नंदनवार आई.ए.एस. के नेतृत्व में समस्त राज्य में अग्रणी सिद्ध हो रहा है। राज्य में स्वास्थ्य विभाग व एन.जी.ओ.के द्वारा होम आइसोलेशन के मरीजों की प्रतिकिया का एक सर्वे किया गया है जिनमे रायपुर सबसे आगे है।
रायपुर में 95 फीसदी लोगो के लिए डॉक्टर निर्धारित किया गया है, जो अन्य जिलों बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव के लिए क्रमशः 71, 44, 44 प्रतिशत है।
रायपुर में नियमित रूप से किये जाने वाली कॉल से संतुष्टि भी 86 फीसदी है जो अन्य जिलों की तुलना में काफी अधिक है। इसके अलावा रायपुर में प्रतिदिन 93 फीसदी मरीज ओक्सिमीटर, थर्मामीटर से अपने पैरामीटर्स लेते हैं। रायपुर में सर्वाधिक मरीजो ने बताया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा सेहत की जानकारी लेने के लिए कॉल किया जा रहा है। 96 प्रतिशत लोगो के द्वारा दवाइयां नियमित रूप से प्राप्त होने एवं उसका सेवन करने के बारे में बताया गया है। 97 प्रतिशत लोगो द्वारा बताया गया है कि होम आइसोलेशन के दौरान ली जाने वाली समस्त सावधानियों से उन्हें अवगत कराया गया था।
इसके अलावा 10 प्रश्नों का एक प्रश्नोत्तर बनाया गया था जिसमे स्कोरिंग की गयी एवं 76 फीसदी के साथ रायपुर जिला प्रथम स्थान पर है। यह सभी आंकड़े न केवल रायपुर होम आइसोलेशन टीम की सफलता की कहानी बताते हैं बल्कि सम्पूर्ण राज्य में रायपुर होम आइसोलेशन टीम को एक रोल माडल की तरह अग्रिम पंक्ति में रखते हैं।