बालोद। जिला अस्पताल मे गर्भवती महिला की मौत के बाद सिविल सर्जन सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय बालोद डॉ. बीएल रात्रे को हटा दिया गया है। डॉ. एसएस देवदास, निश्चेतना विशेषज्ञ को सिविल सर्जन सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय बालोद का प्रभार सौंपा गया है। स्टॉफ नर्सों को भी नोटिश जारी की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिला चिकित्सालय बालोद में प्रसव पीड़ा के दौरान हुई मृत्यु में उक्त कार्य दिवस को कार्य में लापरवाही बरते जाने के कारण जिला चिकित्सालय बालोद की स्टॉफ नर्स प्रतिमा कुमेटी को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रनचिरई विकासखण्ड गुण्डरदेही में आगामी आदेश तक कार्य संपादन हेतु आदेशित किया है।
कार्य में लापरवाही पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ को चेतावनी पत्र जारी
मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिला चिकित्सालय बालोद के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. तोमेश श्रीमाली को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। जारी पत्र में कहा है, कि प्रसव पीड़ा के दौरान 2 नवम्बर को प्रात: 06.46 बजे बिटान बाई देवांगन एवं उनके गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चों की मृत्यु हो गई।
जांच दौरान ज्ञात हुआ है, कि उक्त दिवस स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. तोमेश श्रीमाली प्रात: ड्यूटीरत थी। जांच कार्य में लापरवाही…
प्रतिवेदन में कहा गया है कि घटना में स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. तोमेश श्रीमाली की गंभीर लापरवाही सामने आयी है, जिसे कर्तव्य के प्रति उदासीनता एवं अनुशासनहीनता माना गया है, जिसे यह कृत्य छ.ग.सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के विरूद्ध मानते हुए नोटिश जारी किया गया है।
कारण बताओ नोटिस जारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिला चिकित्सालय बालोद के स्टॉफ नर्स (संविदा) मोनिका सोनबोईर को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण चौबीस घंटे के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जारी नोटिस में कहा है, बिटान बाई देवांगन एवं उनके गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चों की मृत्यु मामले मे जांच दौरान ज्ञात हुआ है, कि उक्त दिवस को मोनिका सोनबोईर ड्यूटीरत थीं। जांच प्रतिवेदन अनुसार उक्त घटना हेतु मोनिका सोनबोईर की गंभीर लापरवाही सामने आयी है, जो कि कर्तव्य के प्रति उदासीनता एवं अनुशासनहीनता को दर्शाता है, जो छ.ग.सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के विपरीत है।