नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में तैनात ‘आर्मी गार्ड बटालियन’ का शनिवार को औपचारिक बदलाव किया गया। आर्मी गार्ड बटालियन के तौर पर साढ़े तीन साल का अपना कार्यकाल पूरा करने वाले गोरखा राइफल्स बटालियन की जगह सिख रेजिमेंट के बटालियन को दी गई है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे।
साढ़े तीन साल का होता है कार्यकाल
वर्ष 2017 से धूप हो या बरसात सीना तान राष्ट्रपति भवन में अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने वाले यहां तैनात फर्स्ट गोरखा राइफल्स के 5वें बटालियन (5th Battalion of the 1st Gorkha Rifles) ने आर्मी गार्ड बटालियन के तौर पर अपना साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया था। अब यह जिम्मेदारी सिख रेजिमेंट के छठे बटालियन (6th Battalion of the Sikh Regiment) को सौंपा गया है। वर्ष 2014 तक बटालियन के बदलाव का यह इवेंट सार्वजनिक तौर पर नहीं किया जाता था।
ये होती है जिम्मेदारियां-
राष्ट्रपति भवन में एक नहीं बल्कि आर्मी की दो टुकड़ी होती है। इसमें से एक सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति के अंगरक्षक (President’s Bodyguard, PBG) होते हैं जो हमेशा राष्ट्रपति के साथ रहते हैं। वहीं दूसरी बटालियन राष्ट्रपति भवन में तैनात रहती है और इनकी मुख्य भूमिका राष्ट्रपति व दूसरे देशों से आने वाले गणमान्य अतिथियों को गार्ड ऑफ ऑनर देना होता है। इसके अलावा विभिन्न अवसरों पर साउथ ब्लॉक की भी जिम्मेवारी इनपर ही होती है जहां रक्षा मंत्रालय और नेशनल वॉर मेमोरियल है। राष्ट्रपति भवन में होने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण इवेंट जैसे देश में आने वाले गणमान्य अतिथियों के लिए औपचारिकताओं का निर्वहन, रिपब्लिक डे परेड, स्वतंत्रता दिवस परेड, बीटिंग द रीट्रीट आदि की जिम्मेदारी यहां तैनात आर्मी गार्ड बटालियन की ही होती है।
सिख रेजिमेंट की इतिहास
राष्ट्रपति भवन में तैनात किए गए बटालियन जिस सिख रेजिमेंट के हैं उनका इतिहास 150 साल से अधिक पुरानी है। इसका गठन अंग्रेजो ने वर्ष 1846 में किया था। अब तक इसे दो परमवीर चक्र, 14 महावीर चक्र, पांच कीर्ति चक्र, 67 वीर चक्र और 1596 अन्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। केवल दो बटालियन से शुरू की गई इस रेजिमेंट में अब 19 रेग्युलर व दो नियमित बटालियन शामिल हैं।